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महिला कर्मचारी से दुष्कर्म में फंसे TMC के पूर्व राज्यसभा सदस्य, बोकारो कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

KD Singh का विवादों से पुराना नाता रहा है। वर्ष 2010 के राज्यसभा चुनाव में केडी सिंह झामुमो समर्थन से झारखंड से निर्वाचित हुए। बाद में झारखंड से पश्चिम बंगाल शिफ्ट हो गए। झामुमो छोड़ टीएमसी की सदस्यता ले ली और 2014 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद बन गए।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 06:52 AM (IST)Updated: Sun, 21 Mar 2021 05:33 PM (IST)
महिला कर्मचारी से दुष्कर्म में फंसे TMC के पूर्व राज्यसभा सदस्य, बोकारो कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट
दुष्कर्म के मामले में बोकारो कोर्ट ने केडी सिंह के खिलाफ प्रोडक्शन वारंटी जारी किया ( फाइल फोटो)।

बोकारो, जेएनएन। मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य केडी सिंह अब दुष्कर्म के मामले में फंस गए हैं। दुष्कर्म के एक मामले में बोकारो व्यवहार न्यायालय की जज सीमा मिंज की अदालत ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। केडी सिंह पर उनकी ही कंपनी में काम करने वाली एक युवती ने यौन शोषण का मामला न्यायालय में दर्ज कराया है। इस मामले में केडी सिंह के खिलाफ वारंट जारी हुआ है। आदालत ने युवती के आरोप के आधार पर कार्रवाई करते हुए यह वारंट जारी किया है। चूंकि केडी सिंह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। वे कहीं जमानत पर न छूट जाएं इसलिए प्रोडक्शन वारंट दिल्ली भेजा गया है। 

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13 जनवरी से तिहाड़ जेल में बंद

अल्केमिस्ट के मालिक और पूर्व राज्यसभा सांसद केडी सिंह को 13 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। केडी सिंह पर 1900 करोड़ के गड़बड़ी का आरोप है। यही नहीं उनकी कंपनी अकेले बोकारो के निवेशकों का लगभग पांच सौ करोड़ रुपये लेकर गायब हो गई। उस मामले में स्थानीय निवेशक उच्च न्यायालय की शरण में है। केडी सिंह की कंपनी अल्केमिस्ट इन्फ्रा रियलटी लिमिटेड पर इडी ने 2016 में केस दर्ज किया था। ये मामला पीएमएलए के तहत दर्ज किया गया था।

2010 में झामुमो के समर्थन से राज्य सभा पहुंचे थे केडी सिंह

केडी सिंह का विवादों से पूराना नाता रहा है। वर्ष 2010 के राज्यसभा चुनाव में केडी सिंह झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन से झारखंड से निर्वाचित हुए थे। कुछ माह बाद वे झारखंड से पश्चिम बंगाल शिफ्ट हो गए। उन्होंने जेएमएम को छोड़ टीएमसी की सदस्यता ले ली और 2014 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद बन गए। वहीं बोकारो के कई निवेशकों ने उनकी कंपनी से पैसे की वसूली को लेकर उच्च न्यायालय में वाद दायर किया है।


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