मुख्यमंत्री की चेतावनी के बाद नप गए बोकारो के सिविल सर्जन, डिमोट कर भेजे गए कोडरमा
बोकारो सदर अस्पताल में कुव्यवस्था चरम पर है। बोकारो के एक युवक अफजल खान ने सीएम को इस संदर्भ में ट्वीट किया था। कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर में सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त रखने के सरकारी आदेश के बावजूद बोकारो सदर अस्पताल की स्थिति नाजुक है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। अपनी पदस्थापना के बाद से आए दिन विवादों में रहने वाले बोकारो के सिविल सर्जन डा. जितेंद्र कुमार पर अंतत: गाज गिर ही गई। सीएम हेमंत सोरेन के रविवार की रात हुए ट््वीट के बाद उनको सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने हटा दिया। उनका स्थानांतरण ही नहीं बल्कि डिमोशन भी कर दिया गया। उनको कोडरमा के सदर अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके अलावा अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। डा. जितेंद्र अगस्त में बतौर सीएस पदभार ग्रहण किए थे।
दरअसल, बोकारो सदर अस्पताल में कुव्यवस्था चरम पर है। बोकारो के एक युवक अफजल खान ने सीएम को इस संदर्भ में ट्वीट किया था। कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर में सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त रखने के सरकारी आदेश के बावजूद बोकारो सदर अस्पताल की स्थिति नाजुक है। चिकित्सक लापरवाही करते हैं, गंदगी चरम पर है। सीएम ने इस ट््वीट पर गंभीर हो बोकारो डीसी कुलदीप चौधरी को जांच के आदेश दिए। सोमवार को डीसी भी सदर अस्पताल गए, वहां की व्यवस्था देख वे भी नाराज हुए। अस्पताल उपाधीक्षक डा. संजय कुमार को फटकार लगाई।