Chamoli Tragedy: इधर पुतले के दाह-संस्कार की चल रही थी तैयारी, उधर शव मिलने की आई खबर
7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली ज़िले में ग्लेश्यिर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई थी। इसमें बोकारो के पेटरवार को अमृत महतो फंस गया था। राहत एवं बचाव कार्य के दाैरान अमृत का शव एक टनल में मिला।
पेटरवार [ राहुल ]। 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली ग्लेशियर हादसे में बोकारो जिले के पटरवार के कोह पंचायत के जारडीह गांव का 27 वर्षीय अमृत महतो भी फंस गया था। इसके बाद अमृत के बड़े भाई चरण ने घटनास्थल पर जाकर नाै दिन तक अपने छोटे भाई की तलाश की। थक-हारकर वह लाैट आया। अमृत के साथ काम करने वाले पेटरवार के ही दो मजदूरों ने बता दिया था कि हादसे की चपेट में अमृत आया था। उसके बचने की उम्मीद कम है। इसके बाद परिवार के लोगों की उम्मीद टूट गई। अमृत की वापसी का इंतजार खत्म होने के बाद रविवार को पुतले का शव बनाकर घर में दाह-संस्कार की तैयारी चल रही थी। इसी बीच उत्तराखंड से अमृत के शव मिलने की खबर आई। इसके बाद उसके घर में रोना-पीटना शुरू हो गया। अमृत की पत्नी को तो काठ मार गया। एक साल पहले ही शादी हुई थी। उसके पेट में आठ महीने का गर्भ है।
कंपनी ने की 20 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा
चमोली हादसे के 15 दिन बाद चमोली के टनल में बचाव कार्य में लगे लोगो ने अमृत का शव बरामद किया। मृतक के बड़े भाई चरण ने बताया कि घटना के बाद वह घटनास्थल पहुंचकर 9 दिनों तक अमृत को खोजने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। हालात को देखते हुए वह और अमृत के साथ काम कर रहे टिकेंद्र व गुरुचरण के साथ अपने गांव पेटरवार जाराडीह लौट आया। रविवार सुबह कम्पनी की ओर से अमृत के शव बरामद किए जाने की सूचना मिली। कंपनी ने 20 लाख मुआवजा और एक आश्रित को नौकरी देने की बात कही है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से दो लाख रुपये मुवावजे देने की बात कही जा रही है। कंपनी ने सड़क मार्ग से अमृत का शव पेटरवार के लिए भेज दिया है। सोमवार रात तक शव पहुंचने की उम्मीद है।
7 फरवरी को हादसे में फंस गया था अमृत
7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली ज़िले में ग्लेश्यिर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई थी। एनडीआरएफ की टीम तपोवन टनल के मलबे से शव निकलने में लगी हुई है। चमोली हादसे में अब तक कुल 65 शव बरामद किए जा चुके हैं। अभी 139 लापता लोगों की तलाश जारी है। इस घटना से तपोवन में एनटीपीसी के प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है। जिसमे अमृत काम कर रहा था। घटना की अगली सुबह गांव के दो युवकों-गुरुचरण महतो और टिकेंद्र महतो ने अपने परिवार के सदस्यों से फोन पर संपर्क किया और अमृत के लापता होने के बारे में गांव वालो को बताया था। अमृत के पिता की मृत्यु पहले ही हो गई है। उनके बड़े भाई चरण हरियाणा में काम करते हैं। त्रासदी के बाद, वह अमित की तलाश में चमोली गए थे। रविवार को जब अमृत के शव मिलने की सूचना पहुंची उस समय उसके घर पर पुतले को शव बनाकर अमित-संस्कार की तैयारी चल रही थी।
मार्च, 2020 में अमृत की हुई थी शादी
अमृत की मार्च, 2020 में विनीता से शादी हुई थी। इसके बाद लॉकडाउन में घर में रह गया। 13 अक्टूबर, 2020 तक घर में रहा। इसके बाद पैसा कमाने के लिए चमोली चला गया। शव मिलने की सूचना के बाद विनीता का हाल-बेहाल है। उसने बिलखते हुए अमृत से हुई अपनी आखिरी बातों को याद किया। बताया कि दुर्घटना के दिन सुबह 7 बजे, उसने अमित से टेलीफोन पर बात की थी। पर घटना के बाढ़ से उनका मोबाइल फोन बंद आने लगा। अमित कंपनी के निर्माण स्थल पर सिविल फोरमैन के रूप में कार्यरत था।
आज पुतले का शव बनाकर किया जाना था दाह-संस्कार
चरण महतो ने बताया कि चमोली में घटना के 14 दिन बीत जाने पर भी अमृत का शरीर नही निकाला जा सका था। इस पर ग्रामीणों के साथ बैठक कर अमृत के आत्मा की शांति के लिए पुतला बनाकर दाह-संस्कार करने का कार्यक्रम आज किया जाना था। इसके लिए रिश्तेदार को भी सूचना दी गई थी। मृतक के आत्मा के शांति के लिए श्राद्धकर्म का कार्यक्रम करने की योजना कर ली गई थी। अब शव पहुंचने के बाद दाह-संस्कार किया जाएगा।