बोकारो में ब्लैकआउट की स्थिति
धनबाद : बिना किसी तकनीकी कारण के बोकारो शहर बीते एक सप्ताह से गंभीर बिजली संकट से गुजर रहा है। 24 घं
धनबाद : बिना किसी तकनीकी कारण के बोकारो शहर बीते एक सप्ताह से गंभीर बिजली संकट से गुजर रहा है। 24 घंटे में मात्र 10 से 12 घंटे बिजली मिल रही है, ब्लैकआउट की स्थिति बनी हुई है। यह बिजली भी कब तक मिलेगी कोई भी बताने की स्थिति में नहीं है। बोकारो स्टील को पावर प्लांट चलाने के लिए कोयला नहीं मिल रहा है। संयंत्र के पास मात्र डेढ़ दिन का कोयला है। इसलिए फुल लोड में संयंत्र को नहीं चलाया जा रहा है। यह संकट अभी आने वाले कुछ दिनों तक बरकरार रहेगा। संयंत्र प्रबंधन के स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बल्कि कोयला व अन्य समस्याओं को बताया जा रहा है। जबकि बीपीएससीएल के कोयला की लाइज¨नग के लिए अलग से अधिकारी को रखा गया है। इसके बावजूद कंपनी को चलाने के लिए इंतजाम नहीं हो रहा है। स्थिति इतनी खराब हो गई है कि प्लांट चलाया जाता है तो शहर अंधेरे में हो जाता है। शहर में बिजली देने के लिए संयंत्र बंद करना पड़ा है।
शहर व संयंत्र को एक साथ चलाने के लिए कम से कम 330 मेगावाट बिजली की जरूरत है। इसमें से 200 मेगावाट बीपीएससीएल से तथा 100 से 120 मेगावाट तक डीवीसी से बिजली ली जाती है। संयंत्र के लिए दो सौ मेगावाट बिजली की जरूरत है। शहर के लिए 120 मेगावाट, पर कुल बिजली 200 मेगावाट ही मिल रही है।
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अतिक्रमणकारियों के सामने
बोकारो इस्पात प्रबंधन फेल
बोकारो इस्पात शहर के आसपास व झुग्गी-झोपड़ी में चोरी होने वाली बिजली इतनी है जितना वैध कनेक्शन लेने वाले लोग उपयोग कर रहे हैं। इस पूरी व्यवस्था के पोषक के रूप में बोकारो इस्पात का बिजली विभाग, नगर सेवा के कर्मी, सुरक्षा देखने वाले लोगों के साथ जिला प्रशासन भी है। जब बिजली काटने के लिए बोकारो इस्पात के अधिकारी जाते हैं, उल्टे उन्हीं पर मुकदमा हो जाता है। यही नहीं इसके लिए न तो समय पर पुलिस बल मुहैया कराया जाता है और न ही मजिस्ट्रेट।