दीवाली के बाद Blackout ओर बढ़ा झारखंड, कोयलांचल में DVC ने शुरू की 50 फीसद बिजली कटाैती
डीवीसी ने कमांड क्षेत्र-धनबाद बोकारो गिरिडीह हजारीबाग चतरा कोडरमा रामगढ़ आदि जिलों में बिजली की कटाैती शुरू कर दी है। डीवीसी प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल 50 प्रतिशत बिजली की कटौती की जाएगी। डीवीसी राज्य को 600 मेगावाट रोजाना बिजली की आपूर्ति करता है।
जागरण संवाददाता, धनबाद/ रांची। रोशनी का त्योहार दीवाली के एक दिन बाद से ही झारखंड अंधेरे की ओर चल पड़ा है। धनबाद, बोकारो और गिरिडीह समेत आधा दर्जन से ज्यादा जिलों में दामोदर घाटी निगम ( DVC) ने बिजली की कटाैती शुरू कर दी है। इससे बिजली संकट गहरा गया है। बिजली कट के कारण आम और खास लोगों को दूसरी समस्याओं से भी पाला पड़ रहा है। बिजली कटौती के कारण जलापूर्ति भी प्रभावित होने लगी है। इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में आम लोगों की परेशानी और बढ़ेगी।
फिलहाल 50 फीसद बिजली की कटाैती
कोयले की कमी के कारण बिजली संकट टलने के तत्काल बाद अब दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने राज्य में बड़े पैमाने पर बिजली आपूर्ति में कटौती करने का निर्णय किया है। डीवीसी के कमांड एरिया वाले जिलों चतरा, कोडरमा, हजारीबाग, रामगढ़, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद में शुक्रवार की रात 12 बजे से कटौती आरंभ हो गई। झारखंड बिजली वितरण निगम को भेजे गए अल्टीमेटम में डीवीसी प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल 50 प्रतिशत बिजली की कटौती की जाएगी। डीवीसी राज्य को 600 मेगावाट रोजाना बिजली की आपूर्ति करता है। डीवीसी द्वारा बिजली आपूर्ति कम किए जाने से इन जिलों में नए सिरे से संकट गहरा सकता है। बिजली की आपूर्ति में कटौती करने की वजह बकाया है। डीवीसी ने जिक्र किया है कि झारखंड बिजली वितरण निगम को बिजली आपूर्ति के मद में फिलहाल 2200 करोड़ रुपया बकाया है। इसका भुगतान नहीं करने के कारण कटौती करने का निर्णय किया जा रहा है। भुगतान नहीं होने की स्थिति में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह रोकी जा सकती है।
सीधे आरबीआइ खाते से काटे जा चुके हैं पैसे
डीवीसी और झारखंड बिजली वितरण निगम के बीच बिजली आपूर्ति के मद के बकाए का विवाद पुराना है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय तीन बार इस मद में सीधे झारखंड सरकार के आरबीआइ खाते से तीन बार राशि काट चुका है। अक्टूबर 2020 में सबसे पहले 1417.50 करोड़ रुपये आरबीआइ खाते से काटे गए थे। इसके बाद दो बार 714 करोड़ रुपये की कटौती की जा चुकी है। झारखंड सरकार ने इसपर विरोध भी जताया था।
कटौती से पड़ेगा विपरीत असर
झारखंड की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। आरबीआइ खाते से राशि काटे जाने के बाद राज्य सरकार ने विरोध दर्ज कराया था। इससे स्थिति और प्रतिकूल होगी। डीवीसी के फैसले से झारखंड को बिजली की किल्लत झेलनी पड़ेगी। झारखंड बिजली वितरण निगम के अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।