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अपने विधान सभा क्षेत्र में ही छुपा बैठा था फरार भाजपा विधायक, मोबाइल लोकेशन के पीछे भागती रही पुलिस Dhanbad News

विधायक ढुलू महतो आत्मसमर्पण के बाद जेल भेज दिए गए हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि 19 फरवरी से विधायक कहां छिपे थे? धनबाद पुलिस उनके गुप्त ठिकाने तक क्यों नहीं पहुंच पाई?

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 09:52 AM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 09:52 AM (IST)
अपने विधान सभा क्षेत्र में ही छुपा बैठा था फरार भाजपा विधायक, मोबाइल लोकेशन के पीछे भागती रही पुलिस Dhanbad News
अपने विधान सभा क्षेत्र में ही छुपा बैठा था फरार भाजपा विधायक, मोबाइल लोकेशन के पीछे भागती रही पुलिस Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। करीब तीन महीने भूमिगत रहने के बाद बाघमारा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा विधायक ढुलू महतो ने सोमवार को धनबाद कोर्ट में त्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने जमानत खारिज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में धनबाद जेल भेज दिया। अब बड़ा सवाल यह है कि विधायक ढुलू महतो 19 फरवरी के बाद से कहां छिपे थे ? विधायक की फरारी के बाद उनके मोबाइल लोकेशन के आधार पर देश के विभिन्न स्थानों पर धनबाद पुलिस तलाश करती रही लेकिन वह नहीं मिले। अब चर्चा यह है कि विधायक अपने घर और इलाके में ही छिप कर बैठे थे। एसएसपी किशोल काैशल का तबादला होने और उनके स्थान पर अखिलेश बी वारियक के धनबाद आने के बाद बदली परिस्थिति में ढुलू ने माैका ताड़कर आत्मसमर्पण कर दिया।

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विधायक को जेल में किया गया क्वारंटाइन 

बाघमारा विधायक ढुलू महतो धनबाद मंडल कारा की एक सेल में क्वारंटाइन हो गए हैं। उनका क्वारंटाइन होना भी लाजिमी है। 19 फरवरी से ही ढुलू भागे फिर रहे थे। पुलिस दावा करती रही है कि ढुलू फरारी काल में झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल और गोवा भी गए। इस बीच वे पश्चिम बंगाल के दुबड़ा भी गए। पिछले तीन महीनों में लगातार विधायक घूमते रहे। विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि ढुलू के गोवा जाने की सूचना भी पुलिस को मिली थी। उनकी तलाश में देवघर-जामताड़ा में पुलिस ने दबिश दी थी, लेकिन एक स्थान पर चार-पांच दिनों से अधिक ढुलू कभी नहीं टिके। मोबाइल लोकेशन के आधार पर शुरू में पुलिस ने जहां-तहां छापेमारी की। हो सकता है कि यह विधायक की चालाकी हो। पुलिस को चकमा देने के लिए उनका मोबाइल लेकर कोई और घूम रहा हो। 

कुछ दिनों के लिए ढुलू को धनबाद छोडने की थी हिदायत

ढुलू महतो के खिलाफ पुलिस का शिकंजा 15 फरवरी के बाद तब कसना शुरू हुआ, जब दुष्कर्म के एक मामले में पुलिस ने धारा 164 के तहत पीडि़ता का बयान दर्ज कराया। उसके बाद ही ढुलू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने हाथ-पांव मारना शुरू कर दिया। सूत्रों के अनुसार, ढुलू की फरारी का ड्रामा काफी दिनों तक चला। दरअसल, पहली बार जब पुलिस ढूलू की तलाश में उनके घर पर पहुंची थी, उससे पहले ही ढुलू को पुलिस की ओर से हिदायत मिल चुकी थी कि वह घर छोड़कर कहीं चले जाएं। रात करीब एक बजे पुलिस के पहुंचने से पूर्व ही ढुलू सड़क मार्ग से कोलकाता निकल गए थे। कहा जा रहा है कि विधायक को यह सूचना पुलिस के एक सीनियर अधिकारी के इशारे पर दी गई थी। दावा किया जा रहा है कि इसके लिए खुद एक पुलिसकर्मी सादे लिबास में ढुलू के घर गया था और उन्हें हिदायत दी थी कि मामले को लेकर पुलिस पर फिलहाल काफी दबाव है। इसलिए कुछ दिनों तक घर छोड़कर बाहर रहने के लिए कहा गया है। उसी के इशारे पर ढुलू घर से भागे थे।

कुर्की के दबाव में विधायक ने किया सरेंडर 

जिला में नए पुलिस कप्तान अखिलेश बी वारियर आने के बाद ढुलू महतो परेशान थे। दरअसल, अखिलेश बी वारियर के कामकाज से धनबाद के कई लोग पहले से प्रभावित रहे हैैं। लिहाजा, ढुलू पुलिस की कार्रवाई को लेकर चिंतित थे। विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि हाल में ही एक मामले में पुलिस ने कुर्की के इश्तेहार के लिए न्यायालय में आवेदन दिया था। उसके बाद से ढुलू की बेचैनी और बढ़ गई थी।

लॉकडाउन में कैसे पहुंचे धनबाद 

बड़ा सवाल यह है कि अगर विधायक ढुलू महतो बाघमारा के चिटाही स्थित अपने घर में नहीं थे तो वह लॉकडाउन के दाैरान बाहर से कैसे पहुंच गए। देश और राज्य में हर जगह चाैक-चौराहे पर पुलिस तैनात है और सख्ती से जांच हो रही है। पास वालों को ही आने-जाने की इजाजत है। यह धनबाद पुलिस और पूरी व्यवस्था का संदेह के घेरे में खड़ा करता है। सूत्रों का कहना है कि विधायक कुछ दिन तक झारखंड के एक सांसद के घर रहे। उसके बाद चिटाही स्थित अपने घर आ गए। 25 मार्च से लॉकडाउन के बाद अपने घर और इलाके में ही छिपे थे। पुलिस विधायक को तलाश करने की स्वांग रचती रही। एसएसपी के तबादले के बाद जब परिस्थिति बदल गई तो ढुलू ने आत्मसमर्पण करना ही मुनासिब समझा। 


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