Jharkhand Blame Game Politics: स्वास्थ्य मंत्री के आरोपों पर भाजपा का पलटवार, नाच न जाने आंगन टेढ़
Jharkhand Blame Game Politics झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता लगातार केंद्र सरकार पर असहयोग का आरोप लगा रहे हैं। कोरोना संकट से निपटने में झारखंड की उपेक्षा की रट लगाए हुए हैं। इस पर झारखंड विधानसभा में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने पलटवार किया है।
धनबाद, जेएनएन। Jharkhand Blame Game Politics झारखंड की हेमंत सरकार और सूबे के स्वासथ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा कोरोना से निपटने में केंद्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का लगातार लगाए जा रहे आरोपों पर विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक बोकारो के भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने पलटवार किया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है-नाच न जाने आंगन टेढ़। कोरोना से निपटने में झारखंड सरकार की विफलता को छिपाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता केंद्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। ब्लेम गेम की राजनीति को छोड़ झारखंड की हेमंत सरकार को कोरोना महामारी से निपटने पर ध्यान देना चाहिए।
ऑक्सीजन प्लांट लगाने की सरकार ने नहीं ली सुध
भाजपा विधायक ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री यूपी, एमपी और दूसरे राज्यों को झारखंड से मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति करने की बात करते हैं। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि राज्य के स्टील प्लांटों से झारखंड को कितनी आपूर्ति हो रही है। मंत्री को सही तथ्यों की जानकारी नहीं है। झारखंड सरकार ने तरल ऑक्सीजन को गैस में बदलने के लिए कोरोना महामारी आने के बाद से अब तक एक भी प्लांट नहीं लगाया है। एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। अगर प्लांट लग गया होता तो आज झारखंड में ऑक्सीजन संकट नहीं होता। इसके लिए काैन जिम्मेदार है? स्वास्थ्य मंत्री को बताना चाहिए।
एक साल में आइसीयू ऑपरेशनल नहीं करा सकी सरकार
बिरंची नारायण ने कहा है कि कोरोना को आए हुए एक साल से ज्यादा का समय हो चुका है। इस दाैरान झारखंड सरकार ने लापरवाही से काम किया है। इस वजह से राज्य में लोगों की जान जा रही है। 5 जनवरी को ही पीएम केयर्स फंड से चार ऑक्सीजन प्लांट के लिए फंड आवंटित हो गया। तब भी राज्य सरकार के अधिकारियों और सरकार के लोगों ने ध्यान नहीं दिया। यहां तक की मेडिकल कॉलेजों में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की व्यवस्था नहीं हुई। पीएम केयर्स फंड से प्रत्येक जिले को 25 वेंटिलेटर भेजे गए। पूरे 1 साल में राज्य की हेमंत सरकार कहीं भी आइसीयू को ऑपरेशनल नहीं करा सकी। यह सरकार की सबसे बड़ी लापरवाही है।
सरकार की गतिविधि शहर तक, गांव में भगवान भरोसे
भाजपा विधायक ने कहा है कि राज्य में जो व्यवस्था हो रही है, वह शहरों में ही दिख रही है। ग्रामीण क्षेत्र में ना तो गरीबों के लिए कोई आइसोलेशन सेंटर काम कर रहा है ना ही उन्हें दवा और अन्य सुविधाएं मुहैया हो पा रही। सरकार से मांग करते हैं कि शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी ध्यान दें। केवल लॉकडाउन लगाना समस्या का समाधान नहीं है बल्कि केंद्र से प्राप्त संसाधनों का बेहतर उपयोग करने की जवाबदेही भी राज्य सरकार के ऊपर है।
टीकाकरण पर राजनीति ठीक नहीं
मुख्य सचेतक ने कहा है कि देश में टीकाकरण सही दिशा में चल रहा था। 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू हुआ तो पहले झारखंड समेत तमाम राज्यों के विपक्षी दलों ने तरह-तरह की अफवाह फैलाई। टीकारण को सफल बनाने में सहयोग नहीं की। फिर सभी लोगों को टीका लगाने की मांग की। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को 1 मई से टीका लगाने की घोषणा की तो अब विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं। अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। यह सबको मालूम है कि भारत में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हैं। एक साथ सबको टीका नहीं लगाया जा सकता है। क्रमिक रूप से ही सबको टीका लगेगा। इसे सफल बनाने के लिए झारखंड की जनता के हित में राज्य सरकार को काम करना चाहिए।