एमपीएल की छाई एमपीएल छाई ढुलाई में वर्चस्व के लिए हो रही भिड़ंत, पहले झामुमो-मासस में होता रहा टकराव Dhanbad News
एमपीएल से प्रतिदिन सैकड़ों टन छाई निकलती है। यह छाई ऐश पौंड एरिया व सेलो प्वाइंट एरिया में आकर जमा किया जाता है। वहां से एकेए लॉजिस्टिक व ओम शारदा कंपनी ढुलाई का काम करती है।
मैथन, जेएनएन। Maithon Power Limited मैथन पावर लिमिटेड (एमपीएल) परिसर में भाजपा व मासस समर्थकों के बीच भिड़ंत के पीछे असली वजह एमपीएल की छाई ढुलाई में वर्चस्व स्थापित करना है। इसको लेकर एक महीना पहले भी मासस व झामुमो नेता अशोक मंडल के समर्थक भिड़ चुके हैं। यहां झामुमो के वर्चस्व को कमजोर करने के लिए भाजपा और मासस काफी दिनों से प्रयासरत हैं।
दरअसल, एमपीएल से प्रतिदिन सैकड़ों टन छाई निकलती है। यह छाई ऐश पौंड एरिया व सेलो प्वाइंट एरिया में आकर जमा किया जाता है। वहां से एकेए लॉजिस्टिक व ओम शारदा कंपनी छाई की ढुलाई का काम करती है। पहले छाई ढुलाई में एमएक्स कंपनी का दबदबा था। उसमें अशोक मंडल समर्थकों का पूरी तरह से दबदबा था। लेकिन अब एकेए लॉजिस्टिक व ओम शारदा नामक दो नई कंपनी की एंट्री से स्थिति बल गई है। बताया जाता है कि एक महीना पूर्व अशोक मंडल समर्थकों के आंदोलन के बाद एमएक्स में काम करने वालों में से अधिकतर को इन दोनों कंपनियों में एडजस्ट कर लिया गया है। इसी तरह विधायक अपर्णा सेनगुप्ता व पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के समर्थक चाहते हैं उनको भी काम मिले। इसी को लेकर वर्चस्व की लड़ाई चल रही है।
छाई ढुलाई में अच्छा-खासा कमीशन का खेल
एमपीएल से छाई ढुलाई में 500 से ऊपर हाइवा व बलकर वाहन लगे हैं। छाई ढुलाई में अच्छा खासा कमीशन का खेल है। जानकार बताते हैं कि प्रति हाइवा व बलकर छाई ढुलाई का कमीशन फिक्स है। पहले यह एक गुट तक सीमित था। लेकिन अब दायरा बढ़ता जा रहा है। हालांकि, इसको लेकर कोई खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं।