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मुगमा-थापरनगर स्टेशन के बीच भू-धंसान, रेल लाइन को खतरा

निरसा हावड़ा-दिल्ली ग्रैंड कार्ड रेलवे लाइन से 30 मीटर की दूरी पर मुगमा व थापरनगर स्टे

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 07:25 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 06:25 AM (IST)
मुगमा-थापरनगर स्टेशन के बीच भू-धंसान, रेल लाइन को खतरा

निरसा : हावड़ा-दिल्ली ग्रैंड कार्ड रेलवे लाइन से 30 मीटर की दूरी पर मुगमा व थापरनगर स्टेशन के बीच श्यामपुर गांव के समीप 60 मीटर के दायरे में जमीन 15 मीटर से अधिक नीचे धंस गई। भू-धंसान से थापरनगर से एमपीएल के लिए बिछाई जा रही रेलवे लाइन का आधा हिस्सा व दो सिग्नल केबिन लगभग 10 फीट जमीन के नीचे चला गया। इससे एमपीएल को करीब 12 लाख नुकसान का अनुमान है। खतरा को देखते हुए रेलवे ने मुगमा व थापरनगर रेलवे स्टेशन के बीच भू-धसान स्थल के समीप से गुजरने वाली सभी ट्रेनों का परिचालन 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से करवा रही है। वहीं ईसीएल ने भू-धंसान एरिया की भराई शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों के अनुसार भू-धंसान वाले स्थान के अगल-बगल कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण से पूर्व तीन स्थानों पर चानक बनाकर कोयले का उत्पादन किया गया था। सरकारीकरण होने के बाद चानक से उत्पादन बंद कर दिया गया। वहीं नदी के किनारे अवैध खनन के कारण भी नीचे की जमीन खोखली हो गई है। इससे क्षेत्र में जमींदोज व भू-धंसान होने की घटना घटती रहती है। अवैध उत्खनन के कारण भू-धंसान से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

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घटना सोमवार रात लगभग साढ़े आठ से 9 बजे के बीच की है। जोरदार आवाज के साथ एमपीएल रेलवे लाइन निर्माण स्थल की 60 मीटर के दायरे की जमीन 15 से 40 फीट नीचे खिसक गई। आवाज इतनी जोरदार थी कि स्थानीय लोग घरों से बाहर निकल आए। उसके बाद मामले की जानकारी हुई। स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी श्यामपुर पंचायत के मुखिया रुपाली चौधरी व उप मुखिया कृष्णा रजक को दी। फिर उन्होंने ईसीएल प्रबंधन को सूचित किया। घटना की सूचना पर आसनसोल रेल डिवीजन अधिकारियों, ईसीएल सुरक्षाकर्मी टीम और एमपीएल अधिकारियों ने मंगलवार को निरीक्षण किया। एमपीएल के सीईओ रमेश झा, सुरेश खेतवानी, निलेश अंबष्ठ आदि निरीक्षण में शामिल थे।

एक वर्ष में चार बार भू-धंसान की हो चुकी है घटना

जिस स्थान पर भू-धंसान की घटना घटी उसके अगल बगल एक वर्ष के अंदर चार बार भू-धंसान की घटना हो चुकी है। इसके पहले भी नयाडागा-थापरनगर रेलवे स्टेशन जाने के रास्ते में भू-धंसान हुआ था। ईसीएल प्रबंधन भू-धंसान स्थल की भराई कर खानापूर्ति कर लेता है।

भू-धंसान के पीछे अवैध खनन बड़ा कारण

जिस स्थान पर भू-धसान की घटनाएं हुई है उसके इर्द-गिर्द खुदिया नदी के किनारे अवैध मुहाना बनाकर कोयला चोर खनन करते आ रहे हैं। कोयला चोर पिलरों को काट रहे हैं। इसके कारण आए दिन भू-धंसान व जमींदोज की घटनाएं घटित होती रहती है।

रेलवे ने एहतियात के तहत उठाए सुरक्षात्मक कदम

दिल्ली-हावड़ा ग्रैंड कार्ड रेलवे लाइन से मात्र 30 मीटर की दूरी पर भू-धंसान की घटना हुई है। इससे ग्रैंड कार्ड रेलवे लाइन को भी खतरा हो सकता है। रेलवे ने सुरक्षा के उपाय उठाने शुरू कर दिए हैं। थापरनगर रेलवे स्टेशन से लेकर खुदिया नदी ब्रिज के बीच सभी ट्रेनों की रफ्तार 30 किलोमीटर प्रति घंटा से परिचालन करवाया जा रहा है। रेलवे ने सोमवार रात से भू-धंसान स्थल के समीप रेलवे लाइन के किनारे दो कर्मचारियों की तैनात कर दिया है। झाड़ियों की कटाई शुरू करवा दी गई है, ताकि यह पता लग सके कि भू-धंसान का दायरा बढ़ा है या नहीं। मुगमा से लेकर छोटा अंबोना रेलवे स्टेशन तक अन्य कार्य देखने वाले इंजीनियरिग विभाग के जेई अरविद कुमार लगातार निगरानी रख रहे हैं। साथ ही रेलवे के कई अन्य वरीय पदाधिकारी पहुंचकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

एमपीएल को काफी क्षति पहुंची

एमपीएल की कोयले की ढुलाई के लिए बिछाई जा रहे रेलवे लाइन के समीप एक दर्जन स्लीपर, एक दर्जन लोहे के एंगल भू-धंसान की चपेट में आ गए हैं। एमपीएल ने उक्त स्थान पर रेलवे लाइन बिछाए जाने को लेकर मिट्टी व गिट्टी की भराई करवाई थी।

वर्जन :

रेल लाइन का निर्माण रेलवे की जमीन पर हो रहा है। प्रथम दृष्टया में अनाधिकृत माइनिग की आशंका लग रही है। इस बाबत रेलवे व ईसीएल अधिकारियों से वार्ता हो रही है। जांच के बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। अभी कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगी।

रमेश झा, सीईओ, एमपीएल


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