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श्रम कानूनों में बदलाव से भारतीय मजदूर संघ नाराज, सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन का एक्शन प्लान तैयार Dhanbad News

यूपी एसपी एवं गुजरात ने श्रम कानूनों में बदलाव कर उनके हितों पर प्रहार किया है। कई चेतावनियों गृह मंत्री से मुलाकात और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बावजूद स्थिति जस की तस है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 09:07 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 09:08 PM (IST)
श्रम कानूनों में बदलाव से भारतीय मजदूर संघ नाराज, सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन का एक्शन प्लान तैयार Dhanbad News
श्रम कानूनों में बदलाव से भारतीय मजदूर संघ नाराज, सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन का एक्शन प्लान तैयार Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। कोरोना त्रासदी (लॉकडाउन) के बीच भारतीय मज़दूर संघ केंद्र और राज्यों की सरकारों द्वारा श्रम कानूनों के साथ की गई छेड़-छाड़ से खासा नाराज है। संघ ने श्रमिकों के मुद्दों पर आरपार की लड़ाई का रास्ता अख्तियार करते हुए चरणबद्ध आंदोलन का एक्शन प्लान तैयार कर लिया हैI यह बात झारखण्ड प्रदेश के महामंत्री बिदेश्वरी प्रसाद ने वीडियो कांफ्रेंस में कहाI इस वीडियो कांफ्रेंस में मुख्य तौर पर भारतीय मज़दूर संघ के अखिल भारतीय मंत्री विनय कुमार सिन्हा मुख्य वक्ता थेI

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विनय कुमार सिन्हा ने कहा कि उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश एवं गुजरात ने श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलाव कर मज़दूरों के हितों पर गहरा प्रहार किया है। यह भारतीय मजदूर संघ को गवारा नहीं है। कई चेतावनियों, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात और 20 मई को अलग-अलग शहरों और उद्योगों में विरोध प्रदर्शन के बाद भारत के 512 जिला में 1432 स्थानों से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बावजूद स्थिति जस की तस है। अतएव भारतीय मजदूर संघ ने अपनी लड़ाई को लम्बा लड़ने का मन बना लिया है।

देश के सबसे बड़े श्रमिक संगठन के इस एक्शन प्लान में गरीबों, मज़दूरों और दिहाड़ी श्रमिकों को हर मुमकिन मदद पहुंचाने से लेकर उनकी जंग को कानूनी और लोकतांत्रित तरीके से हर मोर्चे पर लड़ने की तैयारी की गई हैI बीएमएस, श्रमिकों से जुड़े पांच मुद्दों को चरणबद्ध तरीके से देश की जनता के बीच ले जाएगा। यह बात पूर्वी क्षेत्र के संगठन मंत्री एवं प्रभारी सुरेश प्रसाद सिन्हा ने कहा। उन्होंने बताया कि इस चरणबद्ध लड़ाई की रणनीति बनाने के लिए 24 और 25 मई को कई अलग अलग समूहों में राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर के पदाधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग रखी गईं थी।  कई अलग अलग सेक्टर और इंडस्ट्रीज में काम कर रहे मजदूर संघ के साथी संगठनों से भी मंत्रणा की गई और फिर एक बड़े आंदोलन की भूमिका तैयार हुई, जो लम्बा चलना तय है, इस आंदोलन के लिए 5 बड़े मुद्दे चुने गए:

  • प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा।
  • बेरोजगारी की भयावह स्थिति।
  • वेतन भत्तों का देने से मना करना।
  • श्रम कानूनों में बदलाव के चलते मजदूरों के अधिकारों में कमी और 12 घंटे तक की शिफ्ट का फरमान।
  • निरंकुश तरीके से निजीकरण : निजीकरण को लेकर मजदूर संघ ने वित्त मंत्री की चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी कड़ा विरोध किया था। साथ ही इससे जुड़े प्रावधानों पर फिर से विचार करने की सलाह दी थी।

15 राज्य सरकारों के फैसले पर आक्रोश : भारतीय मजदूर संघ झारखण्ड प्रदेश के अध्यक्ष रामानंद त्रिपाठी और महामंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद की अगुवाई एवं रंजय कुमार के द्वारा इस वर्चुअल मीटिंग का संचलान किया गया। इस मीटिंग में श्रम कानूनों में बदलाव की बात करने वाली 3 राज्य सरकारों और काम का समय 12 घंटे तक का ऐलान करने वाली 15 राज्य सरकारों के फैसले पर आक्रोश व्यक्त किया गया।

सहायता के लिए हैल्प डेस्क खोलेगा मजदूर संघ : इस चरणबद्ध लड़ाई की रणनीति के वारे में पूर्वी क्षेत्र के सह प्रभारी गणेश मिश्रा ने बताया कि हर जिले में मजदूरों की सहायता के लिए भारतीय मजदूर संघ हैल्प डेस्क खोलेगा, ताकि फैक्ट्री मालिकों समेत सरकारों से भी जो उनके मुद्दे होंगे उनको सुलझाने की कोशिश होगी। इस हेल्प डेस्क के जरिए वह प्रवासी श्रमिक भी मदद ले सकेंगे जो इन दिनों पलायन को मज़बूर हैं। इसके साथ ही हेल्प डेस्क के जरिए दिहाड़ी श्रमिकों, इंडस्ट्रियल सेक्टर, पीएसयू,असंगठित क्षेत्र, कृषि व दैनिक वेतन भोगियों की परेशानियों के समाधान का भी प्रयास किया जाएगा।

  • 30 और 31 मई को पूरे देश में यूनियन स्तर पर मीटिंग होंगी, देश में भारतीय मजदूर संघ की हजारों यूनियंस हैं, उनकी मीटिंग होगी जिनमें श्रमिक क्षेत्र से जुड़े मुद्दों व परिस्थितियों पर विचार किया जाएगा।
  • 1 से 5 जून के बीच भारतीय मजदूर संघ का विशाल सम्पर्क अभियान शुरू किया जाएगा। संगठित, असंगठित हर क्षेत्र के कामगारों से सम्पर्क किया जाएगा, ताकि बड़े आंदोलन की रूपरेखा बन सके। इसके लिए पैम्पफलेट, पोस्टर्स आदि का सहारा भी लिया जाएगा।
  • 13 और 14 जून को अलग अलग इंडस्ट्री में उनके मुद्दों, समस्याओं एवं चुनौतियों को लेकर सेमिनार आयोजित की जाएंगी, ये सेमिनार इंडस्ट्री फोकस्ड होंगी, जैसे डिफेंस प्रोडक्शन के कामगारों के बीच डिफेंस फील्ड की ही चर्चा होगी।

मजदूरों के हितों के खिलाफ कोई कदम उठा तो चुप नहीं बैठेंगा संघ :  अगला चरण 16 जून से शुरू होगा, जो पूरे जून महीने में चलेगा। 16 से 30 जून के बीच भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी अपने अपने क्षेत्र के सांसदों से मिलने का अभियान शुरू करेंगे, उनसे मिलने का समय लिया जाएगा और उनसे 5 प्रमुख मांगों के मुद्दे पर साथ देने का अनुरोध किया जाएगा। कोरोना के चलते अभी भारतीय मजदूर संघ ने कोई रैली या हड़ताल जैसा कोई कार्यक्रम अपने आंदोलन में शामिल नहीं किया है। लेकिन वो सरकारों को ये भी याद दिलाए रखना चाहते हैं कि मजदूरों के हितों के खिलाफ कोई कदम उठा तो वे चुप नहीं बैठेंगे।


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