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केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल में शामिल हुआ भारतीय मजदूर संघ, कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में करेगा हड़ताल

बीएमएस के प्रदेश महासचिव बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि कॉमर्शियल माइनिंग से किसी का भला नहीं होगा। कोयला ब्लॉक की नीलामी से सिर्फ पूंजीपतियों को लाभ होगा। इसका हम विरोध करते हैं।

By Sagar SinghEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 09:23 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 11:10 PM (IST)
केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल में शामिल हुआ भारतीय मजदूर संघ, कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में करेगा हड़ताल
केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल में शामिल हुआ भारतीय मजदूर संघ, कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में करेगा हड़ताल

धनबाद, जेएनएन। कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) भी केंद्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गया है। बीएमएस ने इंटक, एचएमएस, सीटू व एटक के साथ कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ बीसीसीएल मुख्यालय पर गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही कोयला सचिव को नामित पांच सूत्रीय ज्ञापन और 2 से 4 जुलाई तक हड़ताल का नोटिस कंपनी के सीएमडी को सौंपा। इस दौरान संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने कहा कि आज फिर से एकजुट होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की जरूरत है। मजदूरों को अपनी एकता का परिचय देते हुए हड़ताल को सफल करना है।

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इंटक के सचिव एके झा ने कहा कि कोयला उद्योग के निजीकरण करने की साजिश है। कॉमर्शियल माइनिंग से देश का भला नहीं होने वाला। जनता मजदूर संघ के पूर्व मंत्री बच्चा सिंह ने कहा कि मजदूरों का शोषण व पूंजीपतियों के हाथों में सरकारी मुनाफे कमाने वाली कंपनी को बेचना मोदी सरकार का मकसद है। सरकार को इस बार पीछे हटना होगा। हड़ताल पूरी तरह से सफल होगी। एचएमएस सिद्धार्थ गौतम ने कहा कि कोयला मजदूर काफी लड़ाकू होते हैं। वह अपने हक लेकर रहेंगे। चाहे इसके लिए जो हो जाए।

बीएमएस (भारतीय मजदूर संघ) के प्रदेश महासचिव बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा कि कॉमर्शियल माइनिंग से भला नहीं होगा। कोयला ब्लॉक की नीलामी से पूंजीपतियों को लाभ होगा। इसका विरोध हम पूरी ताकत के साथ करेंगे। एटक के सचिव विनोद मिश्रा ने कहा कि हड़ताल होगी और सरकार को झुकना पड़ेगा। सीटू के संयुक्त महामंत्री मानस चटर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से पूंजीपतियों के हाथों बिक चुकी है। हर तरफ तबाही मचा हुआ है। 

प्रमुख मांगे :--

  1. कोयला कॉमर्शियल माइनिंग का निर्णय वापस लिया जाए।
  2. कोयला उद्योग को निजीकरण पर तरह से रोक लगाई जाए।
  3. सीएमपीडीआइएल को कोल इंडिया से अलग न किया जाए।
  4. ठेका मजदूरों को हाई पावर कमेटी के समझौता को पूरी तरह से लागू करते हुए वेतन भुगतान किया जाए।
  5. पांचवें वेतन समझौता के अनुसार 9.3.0 क्लोज के तहत मेडिकल अनफिट कामगारों के आश्रित को नौकरी दिया जाए शामिल है।

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