Bharat Bandh: कृषि विधेयक के विरोध में भारत बंद का धनबाद में असर नहीं, वामपंथी संगठनों ने निकाला जुलूस
भारत बंद का धनबाद जिले में कोई असर नहीं दिख रहा है। सड़कों पर यातायात सामान्य है। वामपंथी पार्टियों ने जुलूस निकाल कर उपस्थिति दर्ज कराई। राष्ट्रीय जनता दल की तरफ रणधीर वर्मा चाैक पर धरना दिया गया।
धनबाद, जेएनएन। संसद में पारित कृषि विधेयक-2020 के विरोध में विभिन्न संगठनों द्वारा शुक्रवार (25 सितंबर, 2020) को आयोजित भारत बंद का धनबाद में कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। आम दिनों की तरह दुकानें और बाजार खुले हैं। सड़कों पर वाहनों की भीड़ है। वामपंथी संगठन अपनी उपस्थित को दर्ज करा रहे हैं। सीपीआइ (एम) की तरफ से शहर में जुलूस निकाला गया। राजद के एक दर्जन कार्यकर्ताओं ने रणधीर वर्मा चाैक पर धरना दिया।
भारत बंद का धनबाद जिले में कोई असर नहीं दिख रहा है। सड़कों पर यातायात सामान्य है। रेल परिचालन भी अप्रभावी है। जिले के अंदर जीटी रोड़ समेत अन्य मार्गों पर हर रोज की तरह वाहनों का आवागमन जारी है। इधर बंद को देखते हुए किसी प्रकार की अनहोनी घटना ना हो इसके लिए प्रशासन के स्तर से भी तैयारियां की गई हैं। तोपचांची, राजगंज, बरवाअड्डा, गोविंदपुर, निरसा और बाघमारा क्षेत्र में बंदी को लेकर किसी भी तरह की गतिविधि नहीं दिखी। जबिक कई किसान संगठनों की ओर से शुक्रवार की दोपहर में जुलूस एवं प्रदर्शन किए जाने की सूचना है। बंद को लेकर शहरी क्षेत्र शांत रहा। हालांकि इस बंद का समझर्थन राज्य के सत्तारूढ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी किया है। पार्टी के समर्थन को लेकर भी कोई खास प्रभाव नहीं देखा जा रहा है। इस संबंध में झामुमो के धनबाद जिलाध्यक्ष रमेश टुडू ने कहा कि निश्चित तौर पर यह कृषि बिल किसानों के हित में नहीं है। यह किसानो के लिए किसी काला कानून से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के शासन काल में जो भी बिल पास हुए हैं वह आम आदमी के हित में नहीं हैं।