कोरोना की तीसरी लहर को देख धनबाद में मिनी लाकडाउन, पढ़ें- डिटेल्स गाइडलाइन
Hemant Soren धनबाद समेत पूरे देश में प्रतिदिन बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। इसे कोरोना की तीसरी लहर के रूप में देखा जा रहा है। इसे देखते हुए झारखंड में मिनी लाकडाउन लागू कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड में कोरोना संक्रमण के मामले अचानक बहुत तेजी से सामने आ रहे हैं। नए साल के पहले दो दिन में ही दो हजार से ज्यादा केस मिले। धनबाद में दो साै से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। ओमिक्रोन के खतरे के बीच जिस तेजी से संक्रमण के मामले सामने आ रहे उसे कोरोना की तीसरी लहर की आहट के रूप में देखा जा रहा है। इसके मद्देनजर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड सरकार से राज्य में 15 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू के साथ ही मिनी लाकडाउन-स्कूल, कालेज, पार्क, माल, रेस्टूरेंट, धार्मिक स्थल, क्लब आदि बंद करने की सिपारिश की है। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रेस हैं। उन्होंने कड़े फैसले लेने से पहले ट्वीट कर विभिन्न विभागों से राय मांगने की जानकारी दी है।
#Covid_19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने विभिन्न विभागों से सुझाव मांगे हैं।
आपकी सरकार आपकी सुरक्षा हेतु सभी पहलुओं पर बारीकी से नज़र रख रही है और आपदा प्राधिकार के कल (सोमवार) के प्रस्तावित बैठक में सभी पहलुओं को ध्यान में रख आप सबके हित में उचित फ़ैसला लेगी 1/2
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) January 2, 2022
आज मिनी लाकडाउन पर हो सकता फैसला
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड में मिनी लाकडाउन की सिपारिश की है। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी रेस हैं। वे आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में कड़े फैसले ले सकते हैं। सोमवार को आपदा प्रबंधन समिति की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कड़े फैसले लिए जाने की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि कोरोना की दूसरी लहर के दाैरान पिछेल साल 22 अप्रैल, 2021 को लागू स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह ( मिनी लाकडाउन) जैसे कुछ कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
झारखंड की जनता मुख्यमंत्री के साथ
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य अशोक मंडल ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य की जनता की भलाई चाहते हैं। वह राज्य की जनता के हित में काम रहे हैं। वे बहुत ही लोकतांत्रिक हैं। इसलिए हर फैसले लेने से पहले विभिन्न विभाग और जनता की राय को लेते हैं। मंडल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सुझाव के आधार पर झारखंड सरकार को निर्णय लेना चाहिए।