कोरोना संकट में कोलियरी से आई अच्छी खबर; मुनाफे में रही कोल इंडिया, BCCL को भी हुआ अधिक लाभ Dhanbad News
बीसीसीएल को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 918 करोड़ का लाभ हुआ। यह इससे पहले के वित्तीय वर्ष के मुकाबले 60 फीसद अधिक है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में यह 280 करोड़ रुपये था।
धनबाद, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लागू होने से पहले से ही मंदी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था के लिए बीबीसीएल से एक अच्छी खबर आई है। बीसीसीएल को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 60 फीसदी अधिक कमाई हुई है। बीसीसीएल को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 918 करोड़ का लाभ हुआ है। यह जानकारी बीसीसीएल के वित्त निदेशक समीरन दत्ता ने पत्रकार वार्ता में दी। वित्तीय वर्ष 2018-19 में यह 280 करोड़ रुपये था। कोल इंडिया को भी वित्तीय वर्ष 2019-20 में 16700 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।
कॉस्ट कटिंग से हुआ फायदा : वित्त निदेशक ने बताया कि पिछले वर्ष 2500 कर्मी सेवानिवृत्त हुए। इसके अलावा रखरखाव कार्यों और बिजली बिल में सुधार की वजह से भी कंपनी का काफी पैसा बचा। तकनीक में सुधार का भी लाभ कंपनी को मिला।
गुणवत्ता में सुधार से भुगतान में हुआ फायदा : दत्ता के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में ग्रेड स्लीपेज की वजह से कोयले की कीमत का भुगतान एफएसए के तहत पावर कंपनियों द्वारा 2368 रुपये प्रति टन के हिसाब से किया गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2925 रुपये प्रति टन के हिसाब से भुगतान किया गया।
लॉकडाउन को अवसर के रूप में लिया : दत्ता के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान कोयले की बिक्री तो हुई लेकिन भुगतान नहीं हुआ। इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई थी। हालांकि हमने इसे भी अवसर के रूप में लिया। इस दौरान ओवरबर्डेन हटाने का काम व्यापक स्तर पर किया गया। तकरीबन 50-60 फीसद अधिक ओबी का रिमूवल हुआ। अगस्त महीने तक जब लॉकडाउन समाप्त होगा हम एक साथ उत्पादन कार्य में वृद्धि कर सकेंगे। इससे कंपनी की स्थिति पूरी तरह दुरुस्त हो जाएगी।
प्रमुख कंपनियों पर बीसीसीएल का बकाया
डीवीसी : 1200 से अधिक
सेल : 600 करोड़ से अधिक
डब्ल्यूपीडीसीएल : 500 करोड़ से अधिक
एनटीपीसी : 400 करोड़ से अधिक
अन्य : 500 करोड़
कुल : 3200 करोड़ का है बकाया।
आत्मनिर्भर योजना से मदद की उम्मीद : वित्त निदेशक ने बताया कि आत्मनिर्भर योजना से बीसीसीएल को भी मदद की उम्मीद है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने ऋण चुकाने के लिए विभिन्न संस्थाओं को 19000 करोड़ रुपये की सहायता का प्रावधान किया है। अब इसके लिए विभिन्न राज्य सरकारों ने आवेदन देना शुरू किया है। यदि जेबीवीएनएल समेत अन्य राज्यों के निगम लोन लेकर डीवीसी, एनटीपीसी का ऋण चुकाते हैैं तो हमें भी भुगतान की उम्मीद है।
अपने स्रोतों से देंगे वेतन : दत्ता ने बताया कि कुछ हद तक भुगतान होना शुरू भी हो गया है। दो माह पहले वाली स्थिति नहीं रही। कोल डिस्पैच भी लॉकडाउन के दौरान जहां 6 रैक प्रतिदिन था वह अब 15 रैक प्रतिदिन तक पहुंच चुका है। इससे कंपनी की स्थिति सुधर रही है। आशा है कि बिना किसी तरह का ऋण लिए ही हम कर्मचारियों के जुलाई माह के वेतन का भुगतान कर देंगे।