Weekly News Roundup Dhanbad: झरिया फायर एरिया... इस सब्जेक्ट को रहने दीजिए, यह बड़ा पेचीदा मामला है
मौजूदा सीएमडी ग्रैंड पार्टी के कारण चर्चा में हैं तो उनके पूर्ववर्ती इंटरनेट मीडिया पर छाए हुए हैं। इसकी अलग वजह है। पहला तो यह कि 31 जनवरी के बाद सीएमडी का चार्ज किसे मिलेगा। अधिकांश को उम्मीद है कि पीएम प्रसाद को ही जिम्मा मिलेगा।
धनबाद [ रोहित कर्ण ]। बीसीसीएल के साहब का जलवा है। जलवा भी ऐसा कि अनुषंगी कंपनी का सीएमडी रहते कोल इंडिया चेयरमैन तक को चुप कराने का माद्दा रखते हैं। वह भी तब जब चेयरमैन आइएएस अफसर हो। तभी तो भू-धंसान में महिला की मौत, उसके बाद प्रशासन का सख्त तेवर, और उसके बाद चेयरमैन का दौरा हो, ऐसे में उनसे सवाल ना पूछे जाएं, ऐसा हो नहीं सकता। सो, खबरनवीसों ने सवाल पूछ ही डाला। चेयरमैन बोलने को तैयार भी थे। अभी उन्होंने मुंह खोला ही था कि सीएमडी ने हस्तक्षेप कर दिया। इस सब्जेक्ट को रहने दीजिए, यह बड़ा पेचीदा मामला है। बस, चेयरमैन चुप हो गए। कहा- सीएमडी से ही बात कर लीजिएगा। चेयरमैन पर इतनी दखलअंदाजी तो किसी की नहीं थी। आखिर वरीयता में सीएमडी कोल इंडिया के अधिकारियों में सबसे ऊपर जो हैं। कुछ माह चैयरमैन के प्रभार में भी रह चुके हैं।
साल की शाही दावत
दिसंबर के अंतिम दिनों में सीएमडी साहब ने दावत दी। दावत भी ऐसी कि सालभर की कसर निकाल दी। वर्षों तक इसकी चर्चा रहेगी। धनबाद-बोकारो के तमाम दिग्गज नेता, अधिकारी, दबंग, ठेकेदार- कौन थे जो इस दावत में शरीक न हुए। अमूमन कैरियर के अंतिम दिनों में अधिकारियों को फेयरवेल की पार्टी दी जाती है, पर इन्होंने तो खुद ही शहर को निमंत्रण दे डाला। साहब अगले ही महीने 31 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। चर्चा तो ये रही कि उधर पोते के जन्म पर मुंबई में अंबानी की दावत थी तो इधर पोती की पहली वर्षगांठ पर सीएमडी की पार्टी। हकीकत भी है। धनबाद के लिए बीसीसीएल के सीएमडी का रुतबा किसी से कम थोड़े ही है। हां, शाही दावत में कोरोना के प्रति भी पूरी सजगता थी। साहब स्वयं ही पूरे समय मास्क पहने रहे, आगंतुकों के लिए भी इसकी व्यवस्था कर रखी थी।
जलवा तो इनका भी है
मौजूदा सीएमडी ग्रैंड पार्टी के कारण चर्चा में हैं तो उनके पूर्ववर्ती इंटरनेट मीडिया पर छाए हुए हैं। इसकी अलग वजह है। पहला तो यह कि 31 जनवरी के बाद सीएमडी का चार्ज किसे मिलेगा। अधिकांश को उम्मीद है कि पीएम प्रसाद को ही जिम्मा मिलेगा। वे कंपनी को बेहतर तरीके से जान चुके थे। मृदुभाषी व मिलनसार थे। पांच वर्ष के लिए बतौर बीसीसीएल सीएमडी चुने गए प्रसाद एक वर्ष बाद ही सीसीएल भेज दिए गए थे। वे इसलिए भी चर्चित रहे हैं कि माइङ्क्षनग, जियोलॉजिकल एंड मेटलर्जिकल इंस्टीट््यूट ऑफ इंडिया की 114वीं एजीएम के दौरान अध्यक्ष चुने गए हैं। माइङ्क्षनग प्रोफेशनल्स को सबसे बड़ा मंच देने वाले इस संस्थान की अध्यक्षता की बागडोर पीएम प्रसाद ने कोल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष एके झा से संभाली है। बीसीसीएल के कर्मचारी उनकी इस उपलब्धि को लेकर इंटरनेट मीडिया पर बधाइयों का तांता लगाए हुए हैं।
ये तो गंजे को कंघी बेच दें
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए कोल इंडिया ने कई योजनाएं शुरू कीं, पर सफलता किसी में नहीं मिली। इस मामले में भी उन्हें निजी क्षेत्र से सीखने की जरूरत है। अब टाटा स्टील को ही लीजिए। अभी वहां स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का मौसम चल रहा है। कंपनी की छह कोयला खदानों में लगभग 2500 मैन पावर है। इसे सरप्लस माना जा रहा है। लक्ष्य 1200 करने का है। अभी तक 450 से ऊपर कर्मी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं। अब सवाल उठता है कि ऐसा हुआ कैसे? वीआरएस ले चुके एक सज्जन की मानें तो सफल कारोबारी वही है जो गंजे को कंघी बेच दे। उस कोलियरी में इन दिनों ऐसा ही हो रहा है। कर्मचारियों को उत्पादन और उत्पादकता पर कम, सेवानिवृत्ति के लाभ अधिक बताए जा रहे हैं। शुरुआत तो यहीं से होती है कि बिना काम से पूरे कार्यकाल दाम लेते रहिए।