बीबीएमकेयू में शामिल की जाए पीजी बांग्ला और उर्दू विषय
धनबाद : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) में पीजी के 21 विषयों को श
धनबाद : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) में पीजी के 21 विषयों को शामिल किया गया है। ास कम्युनिकेशन, डिजास्टर मैनेजमेंट, लॉ, मैनेजमेंट जैसे कई नए और रोजगारपरक कोर्स की भी पढ़ाई होगी। बांग्ला और उर्दू पीजी इसमें शामिल नहीं हैं। दैनिक जागरण ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। 13 नवंबर के अंक में प्रकाशित खबर पर निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए दोनों विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू कराने का आग्रह किया है।
विधायक ने कहा है कि धनबाद व बोकारो में बांग्ला भाषी काफी संख्या में हैं। इस विषय को नए विश्वविद्यालय में सत्र 2018-20 से शुरू की जाए।
पीके राय कॉलेज में 2013 से हो रही पीजी बांग्ला की पढ़ाई
पीके राय कॉलेज में पीजी बांग्ला की पढ़ाई अगस्त 2013 से शुरू हुई है। विधायक के अनुसार 21 वर्षो के आंदोलन के बाद बांग्ला में पीजी की पढ़ाई शुरू हुई थी। बांग्ला समुदाय के शिक्षक व छात्रों ने आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। अब नए यूनिवर्सिटी के अस्तित्व में आने से इस विषय को शामिल नहीं किया गया है।
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दूसरे जिले और पश्चिम बंगाल के विद्यार्थी भी होंगे प्रभावित
पीके राय कॉलेज एकमात्र केंद्र है जहां विभावि ने पीजी बांग्ला की पढ़ाई को मंजूरी दी थी। इस कॉलेज में धनबाद के सुदूर क्षेत्रों के साथ-साथ जामताड़ा, गिरिडीह सहित पश्चिम बंगाल के कई शहरों से छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं। कोर्स को मंजूरी नहीं मिली तो अगले सत्र से विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ेगी।
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उर्दू में भी धनबाद-बोकारो के विद्यार्थियों की पर्याप्त संख्या
विनोबा भावे विवि में पीजी उर्दू शुरू कराने को लेकर कवायद चल रही थी। स्नातक उर्दू के विद्यार्थियों का कॉलेजवार सर्वे कर विवि को रिपोर्ट सौंपी गई थी। विभावि के एकेडमिक काउंसिल में भी इसे शामिल किया गया था। अब नए विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आते ही उर्दू एक बार फिर सूची से बाहर हो गया है।