बसंत पंचमी में विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा 5 फरवरी को होगी... जाने पूजा विधि व शुभ मुहूर्त
हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार यानी सरस्वती पूजा मनाई जाती है। यह त्योहार इस वर्ष 5फरवरी को मनाया जाएगा। इसकी तैयारी में मूर्तिकार लग चुके हैं। इसके पीछे कोरोना का भी कहर जारी है।
जासं, धनबादः हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार यानी सरस्वती पूजा मनाई जाती है। यह त्योहार इस वर्ष 5फरवरी को मनाया जाएगा। इसकी तैयारी में मूर्तिकार लग चुके हैं। इसके पीछे कोरोना का भी कहर जारी है। भुईफोड़ मंदिर के पुजारी सुभाष पांडेय कए अनुसार हिंदू धर्म में इस त्योहार का अत्यधिक महत्व है। माता सरस्वती को विद्या की देवी के रूप में जाना जाता है। इस खास दिन पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बातया गया है कि मां सरस्वती का जन्म बसंत पंचमी के दिन ही हुआ था। इसलिए विद्वान ऐसा भी मानते हैं कि इस दिन विधिपूर्वक इनका स्मरण व पूजा करने से भक्त को बुद्धि और विद्या का वरदान मिलता है।
बसंत पंचमी से बसंत मौसम शुरुआत का संकेत
यह त्योहार बसंत मौसम की शुरुआत का संकेत होता है। बताया गया कि बसंत पंचमी का दिन बेहद शुभ होता है और इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत की जा सकती है। इस दिन अबूझ मुहूर्त रहता है। यानि कि इस दिन में किसी भी अपने काम को अंजाम दे सकते हैं। इस दिन परिवार में छोटे बच्चों को पहली बार किताब और कलम पकड़ाने की भी मान्यता है। विद्या का आरंभ करने के लिए ये दिन सबसे शुभ माना गया है।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 05 फरवरी दिन शनिवार को प्रात: 03:47 बजे से पंचमी तिथि अगले दिन 06 फरवरी दिन रविवार को प्रात: 03:46 बजे तक मान्य है। ऐसे में सरस्वती पूजा 05 फरवरी को मनाया जाएगा।
अंतिम रूप दे रहे हैं मूर्तिकार
विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा जिले में भी धूमधाम से मनाई जाती है। इसके लिए सप्ताह भर पहले से तैयारियां की जाती है। मूर्तिकार भी मूर्ति निर्माण करने में लग चुके हैं। मूर्ति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार कोरोना के कारण अधिकतर छोटी प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। शहर के रेलवे लोको टैंक, बरमसिया में सरस्वती पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है।