दुमका में हेमंत के बाद आया बसंत, धनबाद झामुमो में जश्न का माहौल
धनबाद दुमका विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन की जीत से पूरी पार्टी में जीत का जश्न का माहौल है। मौसम की बात करें तो हेमंत के बाद ही बसंत ऋतु आती है और ऐसा ही दुमका सीट पर भी हुआ है।
धनबाद : दुमका विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन की जीत से पूरी पार्टी में जीत का जश्न का माहौल है। मौसम की बात करें तो हेमंत के बाद ही बसंत ऋतु आती है और ऐसा ही दुमका सीट पर भी हुआ है। दिसंबर 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से हेमंत सोरेन चुनाव जीते थे। जीत के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यहां उपचुनाव हुआ तो उनके छोटे भाई बसंत सोरेन चुनाव जीत गए। इधर, बेरमो से महागठबंधन प्रत्याशी जयमंगल सिंह की भी जीत हुई है।
झामुमो व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अमितेश सहाय ने कहा कि भाजपा को अपने साथ बाबूलाल मरांडी को मिलाने का भी फायदा नहीं हुआ। इसके अलावा दुमका में चुनाव प्रचार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को उतारना भी महंगा पड़ गया। रघुवर दास मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। दुमका की जनता ने अपने दिशोम गुरु शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सम्मान बरकरार रखा। भाजपा के पास ऐसे कद के नेताओं की भी कमी है। उन्होंने विपक्षी नेताओं से जनता को भरमाने का प्रयास नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि राज्य के विकास में सभी मिलकर योगदान दें। इधर जिलाध्यक्ष रमेश टुडू ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के लिए जो मेहनत की है, उसका फल दुमका और बेरमो उपचुनाव में महागठबंधन की जीत के रूप में देखने को मिला है। इस कोरोना काल में हेमंत सरकार के जन-कल्याणकारी योजनाओं के कारण हर झारखंड देश में सबसे सुरक्षित राज्यों में से एक है। पार्टी नेता देबू महतो ने कहा कि दोनों प्रत्याशियों की जीत ने यह तय कर दिया है कि झारखंड की जनता झामुमो के नेतृत्व से संतुष्ट है। यहां की जनता को हेमंत सोरेन जैसा ही नेतृत्वकर्ता चाहिए। प्रवक्ता डॉ. नीलम मिश्रा ने कहा कि बसंत सोरेन की जीत पक्की थी।