खतरे का लाइफ लाइन बना बैंक मोड़ ब्रिज, अफसरों को देखने की फुर्सत नहीं; रिमाइंडर के बाद भी नहीं आया जवाब Dhanbad News
धनबाद की लाइफ लाइन बैंक मोड़ ओवरब्रिज खतरे में है। इसे खतरनाक मानाते हुए विभाग ने पिछले साल जुलाई में ही मुख्यालय को पुनर्मूल्यांकन का प्रस्ताव भी भेजा था।
धनबाद, जेएनएन। शहर की लाइफ लाइन बैंक मोड़ ओवरब्रिज खतरे में है। सड़क निर्माण विभाग ने इसे खतरनाक माना है और मुख्यालय रांची को पुनर्मूल्यांकन का प्रस्ताव भी भेजा। कार्यपालक अभियंता ने पिछले साल जुलाई में ही खतरे का संदेश भेजा था जिसे करीब आठ महीने गुजर चुके हैं। पर इतने दिन गुजर जाने के बाद भी अफसरों को पुल की दशा से रूबरू होने की फुर्सत नहीं है। भगवान न करे अगर पुल धंस गया तो जान-माल की काफी क्षति पहुंचेगी। शहर एक-दूसरे छोर से कटकर अलग हो जाएगा।
लगातार जर्जर होता रहा है ओवरब्रिज : करीब पांच दशक पहले बना ओवरब्रिज लगातार जर्जर होता जा रहा है। कंक्रीट के ढांचे रह रहकर गिर रहे हैं। पिलरों से कंक्रीट गिरने से कई जगहों पर जर्जर हो चुके हैं। कंक्रीट का बड़ा टुकरा गिरने से कई बार भगदड़ जैसी परिस्थितियां बन रही हैं। कई जगहों पर पीपल के पेड़ तो कहीं लोहे की छड़ें बाहर आ गई हैं। जर्जर होते ब्रिज की लाइफ अभी कितनी है। इस बारे में विभाग के पास भी जवाब नहीं है।
अलकतरा और गिट्टी खुरच कर किया गया था सड़क मरम्मत : कुछ साल पहले इस ब्रिज पर सड़क मरम्मत के दौरान अलकतरा और गिट्टी के लेयर चढ़ाए जाने के दौरान एक्सपर्ट इंजीनियरों ने एतराज जताया था। इसके बाद पुराने लेयर को खुरच कर हटाया गया था और उसके बाद सड़क बनाई गई थी।
एक तो जर्जर, उसपर भारी भरकम जलापूर्ति पाइपलाइन का बोझ : एक तो पहले से ही आवरब्रिज पर क्षमता से अधिक वाहन दौड़ रहे हैं। उस पर भारी भरकम जलापूर्ति पाइप लाइन भी गुजरी है। ढाई फुट ब्यास के पाइपलाइन में जब पानी भरा रहता है तो वाहनों के साथ कई हजार गुणा वजन पुल पर बढ़ जाता है।
बरमसिया की संकरी सड़क नहीं संभाल सकेगी बैंक मोड़ की ट्रैफिक : बैंक मोड़ ओवरब्रिज बंद हुआ तो शहर की कनेक्टिविटी का विकल्प गांधी रोड, मनईटांड़ होकर बरमसिया पुल वाला मार्ग है। पर यहां की सड़कें इतनी संकरी हैं कि बैंक मोड़ के पूरे ट्रैफिक को संभालना मुमकिन नहीं होगा। बैंक मोड़ ओवरब्रिज की तुलना में वैकल्पिक मार्ग अधिक दूरी वाला भी है।
क्या कहते हैं अधिकारी :
ओवरब्रिज के रिहैविलिएशन को सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। कई बार रिमाइंडर भी दिया गया, पर अब तक कोई जवाब नहीं आया। विशेषज्ञों की टीम के ओवरब्रिज का जायजा लेने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। -अमरेंद्र कुमार साहा, कार्यपालक अभियंता