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Baba Baidyanath Temple Deoghar: बगैर ई-पास पूजा के लिए प्रशासन ने पूर्व एसडीएम पर दिखाई रहम, भाजपा विधायक पर सितम; नाराज तीर्थ पुरोहितों ने किया हंगामा

Baba Baidyanath Temple Deoghar पूर्व एसडीओ के नियम तोड़ने से नाराज तीर्थ पुरोहितों ने कुछ देर उन्हें घेरे भी रखा। पूछा कि आप पूजा करने कैसे आ गए? नियम तोड़ आम लोगों के बीच क्या संदेश देना चाहते हैं?

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 07:44 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 01:58 PM (IST)
Baba Baidyanath Temple Deoghar: बगैर ई-पास पूजा के लिए प्रशासन ने पूर्व एसडीएम पर दिखाई रहम, भाजपा विधायक पर सितम; नाराज तीर्थ पुरोहितों ने किया हंगामा
पूर्व एसडीओ के नियम तोड़ने से नाराज तीर्थ पुरोहितों ने कुछ देर उन्हें घेरे भी रखा।

देवघर, जेएनएन। बाबा बैद्यनाथ मंदिर देवघर में पूजा के लिए प्रशासन की दोरंगी नीति कभी-कभी भारी पड़ जाती है। इस नीति के कारण रविवार को थोड़ी देर के लिए हंगामा हुआ। नाराज तीर्थ पुरोहितों ने देवघर के पूर्व एसडीएम को घेर लिया है। बाद में उन्हें सुरक्षा घेरे में मंदिर परिसर से बाहर निकाला गया। प्रशासन की दोरंगी नीति के कारण आम लोगों में भी आक्रोश है। कहना है कि प्रशासन चेहरा देखकर काम कर रहा है। प्रभावकारी लोगों को मंदिर में प्रवेश करा स्पर्श पूजा की इजाजत दी जाती है। बगैर ई-पास के भी मंदिर में प्रवेश करा दिया जाता है। जबकि स्पर्श पूजा पर रोक है। मंदिर में प्रवेश के लिए ई-पास अनिवार्य है। 

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पूर्व एसडीएम को पुरोहितों ने घेरा

देवघर के पूर्व एसडीओ विशाल सागर ने रविवार को बगैर ई-पास निकास द्वार से बाबा बैद्यनाथ मंदिर में प्रवेश कर स्पर्श पूजा की। वहीं परिवार के साथ बाघमारा के विधायक ढुलू महतो भी मंदिर पहुंचे, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं दी गई। इधर पूर्व एसडीओ के नियम तोड़ने से नाराज तीर्थ पुरोहितों ने कुछ देर उन्हें घेरे भी रखा। पंडा पुरोहितों ने विशाल सागर से पूछा कि देवघर मंदिर प्रभारी रहते हुए आपने हमें दर्शन-पूजन के नियम व कायदे की सीख दी थी और आपने ही बगैर ई-पास निकास द्वार से प्रवेश कर पूजा-अर्चना की। कई ने यह भी पूछा कि जब झारखंड से बाहर के लोगों को पूजा की अनुमति नहीं है तो आपका घर तो उप्र में है, आप पूजा करने कैसे आ गए। तब तो बिहार के श्रद्धालुओं को भी पूजा की अनुमति दी जानी चाहिए। इन सवालों का जवाब वे नहीं दे सके।  हालांकि, मंदिर से बाहर निकलते वक्त उन्होंने गलती मानते हुए कहा कि पंडा पुरोहितों का सवाल करना जायज है। दरअसल, सुबह करीब 10 बजे विशाल सागर ने गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की थी। इस कारण करीब डेढ़ घंटे तक हंगामे के दौरान पुरोहितों का कहना था कि नियम-कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए।

भाजपा विधायक को मंदिर में प्रवेश नो एंट्री 

गैर ई पास पूजा के लिए मंदिर पहुंचे ढुलू महतो को प्रशासनिक पदाधिकारियों ने घंटों प्रवेश द्वार पर रोके रखा। अंत में वे बिना पूजा सिर्फ गठबंधन कर निकल गए। बाहर से ही बाबा को प्रणाम कर मंगलकामना की। मंदिर ने निकलने के बाद विधायक ने पत्रकारों से कहा कि मैं जनप्रतिनिधि हूं। यह जानने के बाद भी मुझे पूजा की इजाजत नहीं दी गई। सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन सबको करना चाहिए। सिर्फ जनता ऐसा करे, यह न्यायोचित नहीं है। वहीं पंडा पुरोहितों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से मिलकर मांग करेंगे कि नियम का सभी अनुपालन करें। नहीं तो सबको पूजा की इजाजत मिले। हम सरकार के आदेश का पालन करते हुए अपने यजमान को मंदिर नहीं आने की हिदायत दे रहे हैं, मगर प्रशासनिक पदाधिकारी आदेश नहीं मान रहे।


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