Baba Baidyanath Temple Deoghar: देशभर के भक्तों के लिए खुला बाबा बैद्यनाथ मंदिर का दरवाजा, प्रतिदिन 1000 लोग कर सकेंगे दर्शन
झारखंड में राज्य के सभी मंदिरों को आठ अक्टूबर से श्रद्धालुओं के लिए खोलने के सरकारी निर्देश के बाद भी देवघर के बैद्यनाथ मंदिर में पुरानी टोकन की व्यवस्था चल रही थी। हर दिन 200 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति थी। इससे तीर्थ पुरोहितों श्रद्धालुओं में नाराजगी थी।
देवघर, जेएनएन। Baba Baidyanath Temple Deoghar तीर्थ पुरोहितों और श्रद्धालुओं के विरोध के बाद प्रशासन ने देवघर के प्रसिद्ध बैद्यनाथ धाम मंदिर में दर्शन-पूजन की व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। अब देशभर के किसी भी हिस्से से आकर श्रद्धालु बाबा धाम में पूजा कर सकेंगे। वहीं, पूजा के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की सीमा को भी 200 से बढ़ाकर 1000 कर दिया गया है। हालांकि स्पर्श पूजा पर अभी रोक जारी रहेगी। नई व्यवस्था रविवार सुबह से लागू हो गई। नई व्यवस्था के मुताबिक सुबह छह बजे से दिन के दो बजे तक श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन की अनुमति मिलेगी।
एसडीओ को प्रवेश द्वार पर रोक, जबरदस्ती अंदर घुसे पुरोहित और श्रद्धालु
यह व्यवस्था लागू होने से पहले मंदिर परिसर में शनिवार को काफी हंगामा भी हुआ। शनिवार सुबह तीर्थ पुरोहितों का एक वर्ग, आसपास के दुकानदार, कई श्रद्धालु और भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी मंदिर के पास जमा होकर हंगामा करने लगे। इन लोगों ने एसडीओ सह मंदिर प्रभारी दिनेश कुमार यादव को वीआइपी गेट के बाहर ही रोक दिया। उन्हें काफी फजीहत झेलनी पड़ी। भीड़ सबके लिए पूजा शुरू कराने की मांग कर रही थी। अरघा को भी हटाने पर लोग अड़े थे। हो हंगामे के बीच करीब 10 बजे के बाद व्यवस्था ध्वस्त हो गई और पुलिस बैरिकेड तोड़कर 200 से अधिक श्रद्धालु व पुरोहित मंदिर में प्रवेश कर गए। काफी देर तक यह सिलसिला चलता रहा और सैकड़ों लोगों ने बिना ई पास के स्पर्श पूजा भी की। इससे पहले शुक्रवार शाम विरोध एक तीर्थ पुरोहित ने आत्मदाह की भी चेतावनी दी थी।
तीर्थ पुरोहितों और श्रद्धालुओं में थी नाराजगी
झारखंड में राज्य के सभी मंदिरों को आठ अक्टूबर से श्रद्धालुओं के लिए खोलने के सरकारी निर्देश के बाद भी देवघर के बैद्यनाथ मंदिर में पुरानी टोकन की व्यवस्था चल रही थी। हर दिन 200 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति थी। इससे तीर्थ पुरोहितों, श्रद्धालुओं में नाराजगी थी। भाजपा युवा मोर्चा भी इस विरोध में कूद पड़ा। इन लोगों का कहना था कि झारखंड के बाहर के भी भक्तों को पूजा की अनुमति मिले। इस क्रम में एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव ने भी समझाने का प्रयास किया, लेकिन पुरोहितों व दुकानदारों का कहना था कि कब तक वे अपनी रोजी रोटी से समझौता करें। मंदिर से उनका घर परिवार चलता है। इससे पहले शुक्रवार देर शाम को भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अभयानंद झा ने कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया था। इनके साथ काफी संख्या में तीर्थ पुरोहित भी थे।
ई पास बंद करने की चेतावनी
भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अभयानंद झा ने कहा कि प्रशासन ने नई व्यवस्था लागू करने की बात की है। अरघा रहे, लेकिन पूजा करने वालों की संख्या 5 हजार हो। ई पास बंद नहीं हुआ तो रविवार को भी आंदोलन होगा।
राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसा हुआ : धर्मरक्षिणी सभा
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर ने कहा कि शनिवार सुबह मंदिर में जो घटना हुई उससे पंडा समाज को इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ लोगों ने राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए ऐसा किया है। कार्तिक ने कहा कि सभा को सरकार एवं प्रशासन से अपेक्षाएं हैं। प्रशासन दुर्गापूजा के बाद अरघा को हटाए और आफलाइन पूजा की अनुमति दे।
कोविड-19 के मद्देनजर स्पर्श पूजा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ई पास सिस्टम ही रहेगा। रविवार से झारखंड के बाहर के यात्री भी पूजा कर सकेंगे। आनलाइन पास लेने की प्रक्रिया में संशोधित किया जा रहा है। सुबह मंदिर में कुछ अराजक तत्वों ने हंगामा किया। प्रशासन ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटेगा।
कमलेश्वर प्रसाद सिंह, उपायुक्त, देवघर।