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आडवाणी की गिरफ्तारी से धनबाद डीएम ने किया था इन्कार

धनबाद अयोध्या मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भाजपा के कद्दावर नेता लालकृष्ण अडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथयात्रा शुरू की थी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 02:16 AM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:29 AM (IST)
आडवाणी की गिरफ्तारी से धनबाद डीएम ने किया था इन्कार
आडवाणी की गिरफ्तारी से धनबाद डीएम ने किया था इन्कार

धनबाद : अयोध्या मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भाजपा के कद्दावर नेता लालकृष्ण अडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या के लिए रथयात्रा शुरू की थी। इस रथयात्रा को हर हाल में रोकने के लिए बिहार के तत्कालीन सीएम लालूप्रसाद यादव ने कमर कस ली थी। सीएम ने धनबाद के तत्कालीन डीएम जिलाधिकारी अफजल अमानुल्लाह को इस संबंध में निर्देश दिए थे। उनके निर्देश के बावजूद अफजल अमानुल्लाह ने उनकी गिरफ्तारी से सिरे से इन्कार कर दिया था। बाद में उनकी गिरफ्तारी 23 अक्टूबर 1990 को समस्तीपुर से की गई थी।

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अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला शनिवार को आने के बाद पुरानी यादें भी जनता के जेहन में ताजी हो गई हैं। आडवाणी को गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल झारखंड के सीएसआर डीएसपी से सेवानिवृत्त हो चुके गिरीश पांडेय आज भी 23 अक्टूबर का वह दिन याद है। उन्होंने बताया कि तब समस्तीपुर में दारोगा थे। लालूप्रसाद चाहते थे कि आडवाणी को धनबाद पहुंचते ही गिरफ्तार किया जाए। पर, वहां उनकी गिरफ्तारी से जिलाधिकारी ने इन्कार कर दिया था। इधर, धनबाद से पटना होते हुए आडवाणी की रथयात्रा समस्तीपुर पहुंची। 23 अक्टूबर 1990 को समस्तीपुर सर्किट हाउस में वे विश्राम करनेवाले थे। तब के आइएएस अधिकारी आरके सिंह और डीआइजी रैंक के अधिकारी रामेश्वर उरांव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को आडवाणी की गिरफ्तारी के लिए समस्तीपुर के लिए रवाना किया गया। रात को पहुंचने के साथ सुनील कुमार, बीके शर्मा व मुझसे कहा कि आप तैयार रहें, एक अभियान में चलना है। ताकीद की गई थी, सूचना लीक नहीं होनी चाहिए। हालांकि, पुलिस टीम सर्किट हाउस भोर को पहुंच गई थी। सुबह छह बजे सर्किट हाउस के अंदर अधिकारियों की टीम दाखिल हुई। वहां पहुंचकर सेवादार से कहा गया कि आडवाणी जी को नींद से जगाया जाए। पहले तो वह तैयार नहीं हुआ, बाद में दबाव देने पर मान गया। .. और आडवाणी बोल उठे थे विनाश काले विपरीत बुद्धि :

आडवाणी जब जाग गए तब टीम कमरे में घुसी। उनकी गिरफ्तारी की बात सुनाई गई। उस समय उनके मुख से अनायास निकला, विनाश काले विपरित बुद्धि। उन्होंने कहा कि क्या मैं एक कप चाय पी सकता हूं। इस पर सभी राजी हो गए। सभी के लिए चाय बनकर आई। रात भर जागे होने के कारण इस चाय से मुझे भी चुस्ती मिली। इसके बाद उन्हें सर्किट हाउस के पास खेल स्टेडियम लाया गया। वहां से दुमका के मसानजोर ले जाने के लिए हेलिकॉप्टर तैयार था। आडवाणी की दुमका रवानगी के बाद सर्किट हाउस में अलग-अलग कमरों में सोये राधामोहन सिंह, प्रमोद महाजन, कैलाशपति मिश्र, यदुनाथ पांडेय, शैलेंद्र सिन्हा सहित सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर दरभंगा ले जाया गया।


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