हाथियों ने नहीं सिस्टम की सुस्ती ने ले ली दो मासूमों की जान
जागरण टीम, टुंडी (धनबाद): जामताड़ा में कहर बरपाकर टुंडी धमके जंगली हाथियों के दल ने वहां भी कोहराम
जागरण टीम, टुंडी (धनबाद): जामताड़ा में कहर बरपाकर टुंडी धमके जंगली हाथियों के दल ने वहां भी कोहराम मचा दिया। हाथियों के धमकने की सूचना के बावजूद प्रशासन सुस्त पड़ा रहा, जिसके परिणामस्वरूप बौराए हाथियों को मनमानी की छूट मिल गई।
बुधवार देर रात लगभग दो बजे हाथियों ने टुंडी थाना से महज दस किलोमीटर दूर स्थित लुकैया पंचायत के दोमुंडा गांव में किस्टो मल्हार के घर पर हमला कर दिया। उन्होंने किस्टो के मिट्टी के घर की दीवार को पैरों से ध्वस्त कर दिया। इसके मलबे में दबने से कमरे में सो रहे दो बच्चों की मौत हो गई और एक वृद्धा जख्मी हो गई। हाथियों के हमले से गांव में अफरातफरी मच गई। लोग बचने को इधर-उधर भागने लगे। टुंडी थाना से लेकर धनबाद महिला थाना और वन विभाग से मदद की गुहार लगाई गई लेकिन कुछ नहीं हुआ। लोगों ने पूरी रात जंगल में छिपकर या पेड़ों पर चढ़कर प्राणरक्षा की। हाथियों के हमले में किस्टो मल्हार के बहन का 8 वर्षीय पुत्र संजीव गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। वह काफी देर तक दर्द से कराहता रहा लेकिन उसे घटना के चार घंटे बाद सुबह छह बजे अस्पताल पहुंचाया जा सका। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। दर्द से तड़पकर उसकी जान चली गई।
ऐसे हुआ हादसा: बुधवार को 18 हाथियों का झुंड दिन में ही जामताड़ा से टुंडी इलाके में आ धमका था। रात होने पर हाथियों का झुंड पश्चिम टुंडी की तरफ बढ़ गया। हाथियों ने पहले दुर्गाडीह गांव के समीप भलपहाड़ी नया प्राथमिक विद्यालय का दरवाजा ध्वस्त कर दिया और मिड डे मिल का चावल खा गए। इसके बाद हाथी दोमुंडा गांव पहुंच गए। वहां हाथियों ने किस्टो मल्हार के मिट्टी के घर की दीवार तोड़ दी। मलबे में घर के अंदर खटिया पर सो रहे किस्टो मल्हार की पुत्री ¨चतामुनि कुमारी (11 वर्ष), विनोद मल्हार का पुत्र संजीव मल्हार (8 वर्ष) व किस्टो की बहन कुमुदिनी मल्हार (60 वर्ष) दब गए। घटना के कारण बच्ची चिंतामुनि की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घायल संजीव को गोद में लेकर कुमुदिनी मल्हार भागने लगी। लेकिन उनपर हाथियों की नजर पड़ गई। हाथियों ने दोनों को घेर लिया और उन्हें पैर से ठोकर मार कर दूर गिरा दिया। इसके बाद हाथी ने महिला को सूंड़ से उठाकर दूर उछाल दिया। हाथी के वार से बच्चा संजीव मल्हार और गंभीर रूप से घायल हो गया लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने से आखिरकार उसकी मौत हो गई।
आधे घंटे बाद पहुंचे मशालची: हाथियों के हमले से गांव में अफरातफरी मच गई। घटना की सूचना ग्रामीणों ने टुंडी पुलिस को दी लेकिन, पुलिस न तो मौके पर पहुंची न ही कोई कार्रंवाई की। लोगों ने धनबाद महिला थाना एवं वन विभाग को भी सूचित किया। लगभग आधे घंटे के बाद टुंडी वन विभाग के मशालची गांव पहुंचे। वे हाथियों को भगाने में जुट गए। घायलों की मदद को कोई नहीं आया।
खाद्य सामग्री की महक पाकर धमके हाथी: मृतक बच्चों के परिजनों ने बताया कि छह दिन पूर्व किस्टो मल्हार की माता दीदीमुनी मल्हारिन का देहांत हो गया था। घर में श्राद्धकर्म की तैयारी चल रही थी। मेहमान भी आए हुए थे। सभी बच्चे एक साथ कमरे में सोए हुए थे। श्राद्ध के भोज के लिए मंगाए गए चावल का पैकेट भी वहीं रखा था। बगल के पेड़ पर कटहल भी पका था। इसकी महक पाकर भोजन की खोज में हाथियों का झुंड वहां आ धमका और कोहराम मचा दिया।
''घटना अचानक घटी। हाथी मशालचियों को चकमा देकर भौगोलिक परिस्थिति का लाभ उठाकर वहां जा धमके। हाथियों के झुंड पर निगाह रखने के लिए 12 सदस्यीय टीम व बोकारो से विशेष मशालचियों की टीम को बुलाया गया है।''
-शशिभूषण प्रसाद गुप्ता, वनक्षेत्र पदाधिकारी, टुंडी।