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Atal Bihari Vajpayee 96th Birth anniversary: झरिया में अटल को मिली थी जननायक की उपाधि

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई झरिया में तीन बार 1962 1974 और 1980 में अपने पांव रखे थे। वर्ष 1962 में झरिया के अग्रवाल धर्मशाला में में हुए जनसंघ के सम्मेलन में उन्होंने अपने हाथों से दरी बिछाई थी।

By Atul SinghEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 11:09 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 11:16 AM (IST)
Atal Bihari Vajpayee 96th Birth anniversary: झरिया में अटल को मिली थी जननायक की उपाधि
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई झरिया मेंजनसंघ के सम्मेलन में उन्होंने अपने हाथों से दरी बिछाई थी। (जागरण)

गोविन्द  नाथ शर्मा, झरिया : भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई झरिया में तीन बार 1962, 1974 और 1980 में अपने पांव रखे थे। वर्ष 1962 में झरिया के अग्रवाल धर्मशाला में में हुए जनसंघ के सम्मेलन में उन्होंने अपने हाथों से दरी बिछाई थी। इसके बाद वर्ष 1974 के जेपी छात्र आंदोलन के दौरान झरिया आए थे। उस समय उन्होंने यहां जनसंघ की ओर से चार नंबर टैक्सी स्टैंड लाल बिल्डिंग से ऐतिहासिक जनसभा को संबोधित किए थे। शहर के बाटा मोड़, धर्मशाला रोड और चार नंबर भागा रोड तक हजारों लोगों की भीड़  हुई थी। झरिया में  जनसैलाब उमड़ पड़ा था। लोगों ने उसी समय उन्हें जननायक अटल बिहारी वाजपेई की उपाधि दी थी। अटल की उस ऐतिहासिक जनसभा को याद कर आज भी झरिया के बुजुर्ग रोमांचित हो जाते हैं।  लोगों का कहना है कि इस तरह की ऐतिहासिक जनसभा झरिया में आज तक नहीं हुई। शायद कभी नहीं होगी।

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लोगों ने जननायक अटल विहारी जिंदाबाद के लगाए थे नारे 

भाजपा के वरीय नेता हरीश कुमार जोशी अधिवक्ता, महेंद्र भगानिया और राजकुमार अग्रवाल पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि देश में उन दिनों जेपी छात्र आंदोलन उफान पर था। जनसंघ के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेई ने झरिया शहर में ऐतिहासिक जनसभा कर छात्र, युवाओं व लोगों में भरपूर जोश भरा था। इसी दौरान हजारों की भीड़ ने उन्हें जननायक अटल बिहारी जिंदाबाद के नारे लगाकर उन्हें यह उपाधि दी थी।

अटल की ऐतिहासिक जनसभा में ये लोग हुए थे शामिल 

वर्ष 1974 में झरिया में हुए अटल बिहारी की ऐतिहासिक जनसभा में हजारों लोग शामिल हुए थे। इनमें जनसंघ के समरेश सिंह, डॉ गौतम, मदन लाल अगरवाल, कामेश्वर गुप्ता, बाबूलाल सुल्तानिया, रामनरेश भगत, भोपाल अग्रवाल अधिवक्ता. राधेश्याम सुल्तानिया, रामजी लाल अग्रवाल, बृजमोहन केजरीवाल, रामदेव सिंह, छगन लाल संचेती, बच्छ राज संचेती, हरिराम गुप्ता,  छेदी लाल तुलस्यान, अर्जुन साँवरिया, मामन चंद बोन्दिया, यज्ञ दत्त शर्मा, विजय लिल्हा, शिव नारायण सिंह, बैजनाथ अगरवाल, अशोक अगरवाल, हरीश जायसवाल, हरि प्रकाश लाटा  गंगा शरण शर्मा, हरीश जोशी, महेंद्र भगानिया,  संतोष अगरवाल,  सीताराम साँवरिया, देव नारायण सिंह, श्याम सुन्दर स्वर्णकार, चंद्रिका श्रीवास्तव, रामचंद्र केसरी मुख्य रूप से शामिल हुए थे।

अटल बिहारी ने रतन चंद्र को थर्ड डिग्री टॉर्चर से बचाया था 

जेपी छात्र आंदोलन के दौरान झरिया के रतन चंद्र मानव ने जान पर खेलकर महत्वपूर्ण निभाई थी। रतन चंद्र तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन के दौरान जेपी की मांगों को मनवाने के लिए 1974 में आत्म बलिदान की ठानी थी। रतन आत्म बलिदान के लिए  पिस्टल लेकर संसद भवन में घुस गए थे। हालांकि, संसद के सुरक्षा जवानों ने रतन को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल के फांसी सेल में डाल दिया था। पुलिस रतन को थर्ड डिग्री टॉर्चर कर रहा था। उस समय विपक्षी नेता के रूप में अटल बिहारी वाजपेई के साथ मधुलिमए ने रतन पर थर्ड डिग्री टॉर्चर का पुरजोर विरोध किया। इसके बाद रतन पर थर्ड डिग्री का टार्चर बंद हुआ। दो साल बाद रतन बाइज्जत बरी हुए थे उस दिन को याद कर रतन आज भी अटल के प्रति नतमस्तक हो जाते हैं।


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