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Dhanbad: डीएनबी कोर्स के लिए शुरू हुई आवेदन की प्रक्रिया, पहले बीसीसीएल के डॉक्टरों को प्राथमिकता

बीसीसीएल के सेंट्रल अस्पताल में डीएलबी (डिप्लोमा इन नर्सिंग बोर्ड) की पढ़ाई के लिए आवेदन शुरू कर दी गई है। आवेदन के लिए आवेदक कंपनी के अधिकृत वेबसाइट पर जाकर पूरी प्रक्रिया देख सकते हैं। डीएनबी कोर्स के लिए सर्जरी और मेडिसिन में 5 सीटों के लिए मान्यता मिली है।

By Atul SinghEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 03:53 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 03:53 PM (IST)
Dhanbad: डीएनबी कोर्स के लिए शुरू हुई आवेदन की प्रक्रिया, पहले बीसीसीएल के डॉक्टरों को प्राथमिकता
डीएनबी कोर्स के लिए सर्जरी और मेडिसिन में 5 सीटों के लिए मान्यता मिली है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद:कोर्स शुरू कराने के के साथ ही सेंटर अस्पताल उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का पहला अस्पताल बन गया है। जहां पर डीएनबी की पढ़ाई शुरू की गई है। डीएनबी कोर्स के लिए सर्जरी और मेडिसिन में 5 सीटों के लिए मान्यता मिली है। इसमें दो सीट इन हाउस डॉक्टरों के लिए है। फिलहाल डीएनबी के लिए आवेदन करने वालों में बीसीसीएल के डॉक्टरों को प्राथमिकता दी जाएगी। डीएनबी कोर्स के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर झूलन मुखर्जी ने बताया कि यह सुखद क्षण है कि अस्पताल में इस कोर्स की पढ़ाई शुरू कर दी गई है।

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3 वर्षों से पढ़ाई के लिए हो रही थी कवायद

अस्पताल में डीएनबी की पढ़ाई के लिए विगत 3 वर्षों से कोशिश हो रही थी। सेंट्रल की टीम ने आकर यहां भौतिक सत्यापन किया था। डीएनबी की पढ़ाई के लिए देश के अस्पतालों का सर्वे किया था। इनमें अन्य संसाधनों के अतिरिक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों की पर्याप्त संख्या भी एक अर्हता थी। इसमें सेंट्रल अस्पताल 5 सीटों पर परिपूर्ण पाया गया। धनबाद सीएचडी में डॉ. बीके सिंह, डॉ. यूके पांडेय, डॉ. टोपनो, डॉ. ठाकुरमोनी (डीसीएमओ) विशेषज्ञ चिकित्सक हैैं। सभी का आठ वर्ष से अधिक का अनुभव विशेषज्ञ चिकित्सक के रूप में है। सर्जरी और मेडिसिन में दोनों यहां पर अनुभवी चिकित्सक मिले हैं।

मेडिकल कॉलेज में अब तक नहीं शुरू हो पाई पढ़ाई

यह बात अलग है कि जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में वर्ष 2014 से पीजी और डीएनबी कोर्स की पढ़ाई के लिए कोशिश की जा रही है। लेकिन शिक्षकों की भारी कमी के वजह से अभी तक इन दोनों कोर्स की मान्यता नहीं मिल पाई है। ऐसे में मात्र 50 एमबीबीएस सीट पर पढ़ाई हो रही है। वही सेंट्रल अस्पताल में चिकित्सकों के प्राप्त संख्या होने के कारण मेडिसिन और सर्जरी विभाग में इस कोर्स की मान्यता दी गई है।


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