ACB ने निगम की नौ शाखाओं की खंगाली फाइलें, राजस्व, इंजीनियरिंग एवं जन सुविधाओं पर रही विशेष नजर Dhanbad News
एसीबी की टीम ने नगर निगम की कई महत्वपूर्ण फाइले खंगाली। इससे निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। इस दौरान मेयर से पूछताछ की अफवाह भी फैला दी गई।
धनबाद, जेएनएन। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) की टीम ने बुधवार को धनबाद नगर निगम की नौ महत्वपूर्ण शाखाओं की फाइले खंगाली। सुबह साढ़े दस बजे एसीबी के डीएसपी मुजिबुर्रहमान आठ सदस्यीय टीम के साथ लुबी सर्कुलर रोड स्थित निगम कार्यालय पहुंचे। नगर आयुक्त चंद्रमोहन कश्यप विभागीय कार्य से रांची गए हुए थे, इसलिए अपर नगर आयुक्त राजीव रंजन से जांच के लिए विकास कार्यों की फाइलों की मांग की।
इसके बाद निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। एसीबी के अधिकारी धनबाद नगर निगम कार्यालय में बैठकर फाइलों को खंगालने में जुट गए। एक-एक कर निगम के नौ महत्वपूर्ण शाखाओं की पड़ताल की। इस दौरान राजस्व, इंजीनियरिंग एवं जन सुविधाओं वाले शाखाओं पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम का विशेष नजर रहा।
दरअसल, झारखंड सरकार को धनबाद और रांची नगर निगम में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। इसी के बाद फाइलों की जांच की जा रही है। झारखंड में सरकार बदली है। भाजपा सरकार जाने के बाद झामुमो की सरकार बनी है। इस जांच को राज्य में सत्ता बदलाव के नजरिए से भी देखा जा रहा है। हेमंत सरकार को सूचना मिली है कि धनबाद के साथ ही रांची नगर निगम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। न सिर्फ बड़े-बड़े बल्कि छोटे-छोटे कार्यों में भी अनियमितता बरती गई है। इसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच में गडबड़ी की रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
इन शाखाओं की हुई जांच
- राजस्व शाखा (होल्डिंग एवं वाटर कनेक्शन)
- भवन निर्माण (प्रधानमंत्री आवास योजना)
- स्वच्छ भारत मिशन
- जन स्वास्थ्य (शौचालय)
- सामान्य शाखा
- स्थापना
- जन्म प्रमाण पत्र
- नक्शा पास
- इंजीनियरिंग शाखा
एसीबी आने से सकते में अधिकारी-कर्मचारी : धनबाद नगर निगम कार्यालय में एसीबी की कार्रवाई को लेकर डीएमसी के अधिकारी और कर्मचारी सकते में हैं। दिनभर नगर निगम के तमाम छोटे-बड़े अधिकारी अपने स्तर से मामले की पड़ताल में जुटे रहे। जांच में टीम में रांची एसीबी के डीएसपी के अलावा नगर विकास विभाग के उपसचिव सह नोडल पदाधिकारी अखिलेश कुमार, सिटी मैनेजर विजय कुमार समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे। एसीबी ने स्थानीय पदाधिकारियों को भी साथ नहीं लिया। इसके कारण चर्चाओं का बाजार अधिक गर्म है।
इन चीजों की हुई जांच : जांच टीम ने अपर नगर आयुक्त राजीव रंजन, कार्यपालक अभियंता और संबंधित शाखाओं के पदाधिकारियों से एक-एक कर फाइलों की पड़ताल की। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में विलंब का कारण जाना। मसलन प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय निर्माण योजना, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, नक्शा पास, होल्डिंग आदि मामले निर्धारित समय में पूरे हुए नहीं, इन योजनाओं के लिए कितनी राशि आई और कितनी खर्च हुई।
अकाउंट और भवन शाखा में बंद मिला ताला : एसीबी की धमक पर नगर निगम में अफरातफरी का माहौल बन गया। कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान अकाउंट शाखा और भवन शाखा में ताला बंद मिला। सुबह से लेकर देरशाम तक इन दोनों शाखाओं में ताला लगा रहा है। हालांकि कर्मचारियों का कहना था कि इन शाखाओं से संबंधित पदाधिकारी अपनी-अपनी फाइलें लेकर एसीबी के पास गए हुए हैं।
दोपहर बाद तक अपने चैंबर में बैठ रहे मेयर : एसीबी की कार्यवाही के बाद अफवाह फैली की एसीबी ने मेयर से पूछताछ की है। इस मामले में मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने बताया कि हर दिन की तरह बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे कार्यालय पहुंच गए थे। दोपहर तक अपने चैंबर में ही लोगों की शिकायतें सुनते रहे। एसीबी ने उनसे किसी भी तरह की न तो पूछताछ की और न जांच के लिए अप्रोच किया। निगम के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने एसीबी की जांच में पूरा सहयोग किया। सरकार की यह रूटीन चेकिंग है। यह समय-समय पर होती रहती है।
रिपोर्ट विभाग को सौंपने के बाद होगी आगे की कार्यवाही :
एसीबी समय-समय पर प्रिवेंटिव जांच (निरोधात्मक) करता है। इसमें यह देखा जाता है कि योजना पूरी होने में कितनी देर हो रही है, इसका कारण क्या है। जनता को कितनी सुविधाएं मिल रही हैं या नहीं मिल पा रही हैं। निर्धारित मानकों एवं नियम पर काम किया जा रहा है या नहीं। इसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है, ताकि जनता को उनका वाजिब हक मिल सके। इस संबंध में फाइलों की जांच की गई। चीजें कलेक्ट कर रहे हैं, नोटिंग कर रहे हैं। रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जाएगी। इसके बाद आगे की कार्यवाही होगी। - मुजीबुर्रहमान, डीएसपी एसीबी