Ranchi Rajdhani Express: बोली अनन्या... काश! मेरी तरह और लोग भी पागल होते
अनन्या ने बताया कि रेलवे ने कुछ खटारा टाइप की बस दिखाकर राजधानी के यात्रियों को उतारना शुरू कर दिया। एक-एक कर सभी यात्री उतरने लगे। यहां तक कि कोच अटेंडेंट भी उतर गया।
गोमो बाजार, [मनोज स्वर्णकार]। बुधवार की रात मैं रांची राजधानी में मुगलसराय में चढ़ी थी। रात में ही वहां घोषणा हुई थी कि ट्रेन डायवर्ट होकर चलेगी। डाल्टनगंज और टोरी वाले रूट के बजाए इसे गया और गोमो होकर चलाया जाएगा। पर जब सुबह नींद खुली तो ट्रेन डाल्टनगंज में खड़ी थी। मेरा रेलवे से पहला सवाल यह है कि जब डीडीयू में अनाउंस हो चुका था कि ट्रेन बदले रूट से चलेगी तो फिर उसे पुराने रूट से क्यों चलाया गया। यह कहना था पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से रांची लौट रही छात्रा अनन्या का, जो बी-3 के 51 नंबर सीट पर सफर कर रही थी।
गोमो में दैनिक जागरण से बात करते हुए अनन्या ने बताया कि डाल्टनगंज में पहले तो ट्रेन घंटों खड़ी रही। सैकड़ों की संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए थे, पता नहीं क्या थी उनकी डिमांड। इस बीच रेलवे ने बाहर कुछ खटारा टाइप की बस दिखाकर राजधानी के यात्रियों को उतारना शुरू कर दिया। एक-एक कर सभी यात्री उतरने लगे। यहां तक कि कोच अटेंडेंट भी उतरने लगे। उन्हें रोककर मैंने कहा कि यात्री को रांची तक पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है और वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते हैं। इसके बावजूद वह कुछ नहीं सुने और उतर गए। मैं अंदर बैठी रही।
इसके बाद बार-बार कभी रेलवे के लोग तो कभी कुछ यात्री अंदर आ कर मुझे उतारने की कोशिश करने लगे। मुझे यह भी कहा जाने लगा किस सिर्फ मेरी वजह से ट्रेन नहीं चलेगी और मैं अपनी जिद छोड़ दूं। पर मैंने हार नहीं मानी और साफ कह दिया कि मैंने राजधानी से रांची तक का टिकट लिया है और रेलवे मुझे गंतव्य तक पहुंचाएगी। इसके बाद शाम में ट्रेन खुली। पूरी ट्रेन में मैं अकेली थी। मुझे एक एस्कॉर्ट भी दिया गया।
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पूरा मामला मिस मैनेजमेंट का : बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली रांची की छात्रा अनन्या का कहना था कि पूरा मामला मिस मैनेजमेंट का है। रांची राजधानी सिर्फ 2 दिन चलती है और उसे भी रेलवे ठीक से नहीं चला पा रही है। कोविड-19 महामारी के दौरान यात्रियों को बसों में ठूंस कर ले जाया जा रहा है। रांची राजधानी की रफ्तार, सफाई बंदोबस्त और खान पान पर भी उसने सवाल उठाए।
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देश में जागरुकता का अभाव : अनन्या ने रेलवे के रवैया से खिन्न होकर कहा कि देश में जागरुकता का अभाव हैl अनन्या ने उन 929 यात्रियों को भी कोसा जो रेलवे के अधिकारियों के कहने पर ट्रेन से उतरकर सीधे बस में चले गए l अनन्या का कहना था कि पूरे रूट में एक ही ट्रेन चल रही है। केंद्र और राज्य सरकार को आम लोगों की फिक्र नहीं हैl आम जनता का दर्द कोई समझने वाला नहीं है।