मिलें विदेशी मेहमान जैसन से, हेली नहीं जय सीताराम से करते अभिवादन
चासनाला के केके गेट स्थित बाबा प्रेमनाथ शिव मंदिर प्रांगण में 22 फरवरी से शुरू होनेवाले श्री श्री रूद्र महायज्ञ में महंत परशुराम दास महात्यागी के साथ जैसन भी आए हैं।
By Edited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 11:22 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 10:29 AM (IST)
चासनाला, राहुल मिश्रा। अपनी समृद्ध संस्कृति व परंपरा के लिए हमारा देश विश्वप्रसिद्ध है। यहां धरती, नदियां, पहाड़ वन सभी पूजे जाते हैं। प्रकृति के उपासक इस देश की मिंट्टी में अपार शांति है। यह हमारा आतिथ्य ही है कि हम अपने अतिथि को भगवान का दर्जा दे देते हैं। इतिहास गवाह है, मध्य एशिया व पश्चिम के देशों से कई लोग यहां आए और यहीं के होकर रह गए। अमेरिका के न्यूयार्क के 35 वर्षीय युवा जैसन पर भी भारतीयता का रंग चढ़ गया है। जैसन इन दिनों चासनाला में है। वह हर आने-जाने वाले व्यक्ति को जय सीताराम कह कर उनका अभिनंदन भी करता है। यहां के बच्चों के संग वह अखबारों में प्रकाशित समाचारों को पढ़ना सीख रहा है।
चासनाला के केके गेट स्थित बाबा प्रेमनाथ शिव मंदिर प्रांगण में 22 फरवरी से शुरू होनेवाले श्री श्री रूद्र महायज्ञ हेतु प्रयागराज से पधारे यज्ञाचार्य महंत परशुराम दास महात्यागी के साथ जैसन भी यहां आया है। बकौल जैसन, 18 जनवरी को वह भारत आया है। प्रयागराज के कुंभ में स्नान के बाद महात्यागी बाबा से मुलाकात हुई। कुंभ में स्नान से दिल को शांति मिली है। बाबा उसके गुरु हैं। बाबा के सानिध्य में आने के बाद उसे भक्ति का मार्ग मिला। वह प्रभु श्रीकृष्ण व श्रीराम को मानता है। गुरु ने नया नाम सीताराम दास दिया है। जैसन ने कहा कि डेढ़ वर्ष पूर्व पत्नी से तलाक हुआ था। इससे मन अशांत रहने लगा। मन की शांति के लिए भारत आया। यहां के लोगों के प्यार व स्नेह से ऐसा लग रहा है जैसे मैं भी भारत का हूं। प्रभु की भक्ति व भजन से जो आनंद मिलता है। वह कहीं और नहीं है। भगवान पर पूरा विश्वास है।
चासनाला के केके गेट स्थित बाबा प्रेमनाथ शिव मंदिर प्रांगण में 22 फरवरी से शुरू होनेवाले श्री श्री रूद्र महायज्ञ हेतु प्रयागराज से पधारे यज्ञाचार्य महंत परशुराम दास महात्यागी के साथ जैसन भी यहां आया है। बकौल जैसन, 18 जनवरी को वह भारत आया है। प्रयागराज के कुंभ में स्नान के बाद महात्यागी बाबा से मुलाकात हुई। कुंभ में स्नान से दिल को शांति मिली है। बाबा उसके गुरु हैं। बाबा के सानिध्य में आने के बाद उसे भक्ति का मार्ग मिला। वह प्रभु श्रीकृष्ण व श्रीराम को मानता है। गुरु ने नया नाम सीताराम दास दिया है। जैसन ने कहा कि डेढ़ वर्ष पूर्व पत्नी से तलाक हुआ था। इससे मन अशांत रहने लगा। मन की शांति के लिए भारत आया। यहां के लोगों के प्यार व स्नेह से ऐसा लग रहा है जैसे मैं भी भारत का हूं। प्रभु की भक्ति व भजन से जो आनंद मिलता है। वह कहीं और नहीं है। भगवान पर पूरा विश्वास है।
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