Move to Jagran APP

Surya Grahan 2020: पच्चीस साल बाद 21 को सूर्य ग्रहण पर अद्भुत संयोग, दिन में ही रात जैसा होगा अहसास

राशि के हिसाब से सूर्य ग्रहण का असर पड़ेगा। एक साथ दो खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन है। रविवार का दिन भी है और इसी बड़े दिन पर सूर्य ग्रहण भी लग रहा है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 07:51 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 08:13 PM (IST)
Surya Grahan 2020: पच्चीस साल बाद 21 को सूर्य ग्रहण पर अद्भुत संयोग, दिन में ही रात जैसा होगा अहसास
Surya Grahan 2020: पच्चीस साल बाद 21 को सूर्य ग्रहण पर अद्भुत संयोग, दिन में ही रात जैसा होगा अहसास

धनबाद, जेएनएन। 21 जून को साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह न तो आंशिक और न ही पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। चंद्रमा की छाया सूर्य का लगभग 98.8 फीसद ही भाग ढकेगी। इसके कारण आसमान में सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह दिखेगा। इससे पहले 24 अक्टूबर 1995 में ऐसा ग्रहण लगा था। लगभग 25 वर्षों बाद ऐसा ग्रहण लगने जा रहा है। खड़ेश्वरी मंदिर के पुरोहित बबलू पंडित के अनुसार राशि के हिसाब से सूर्य ग्रहण का असर पड़ेगा। एक साथ दो खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन है। रविवार का दिन भी है और इसी बड़े दिन पर सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। रविवार सूर्य देवता की उपासना के दिन के तौर पर जाना जाता है। एक अनुमान के अनुसार दिन में ही अंधेरा होने का अहसास होगा।

loksabha election banner

एक साथ दो खगोलीय घटनाएं

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी एक सीध में आने से यह घटना घटित होती है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण दूसरा ग्रहण होगा, इसके पहले इसी महीने की पांच जून को भी चंद्र ग्रहण लगा था। 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 13 मिनट से आरंभ हो जाएगा। दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव चरम में होगा। धनबाद में सुबह दस बजकर 40 मिनट से दोपहर दो बजकर 13 मिनट तक इसका असर रहेगा।

सूर्य ग्रहण को कंकण सूर्य ग्रहण कहा जाएगा

21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य एक चमकते हुए कंगन की भांति दिखाई देगा। इसलिए इस सूर्य ग्रहण को कंकण सूर्य ग्रहण कहा जाएगा। ग्रहण के दौरान जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाएगा, तब चंद्रमा सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाएगी। ऐसे में सूर्य सोने की अंगूठी की तरह दिखाई देगा। यह ग्रहण वलयाकार होगा जिमसें चांद सूरज को पूरी तरह से ढक नहीं पाएगा। अगर चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता तो यह पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता। इस वलयाकार सूर्य ग्रहण में चंद्रमा 30 सेकंड के लिए ही सूर्य को ढक पाएगा।

ग्रहण से पहले शुरू हो जाएगा सूतक काल

सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक प्रभावी हो जाता है। ऐसे में 21 जून से पहले 20 जून की रात के 10 बजकर 13 मिनट से सूतक शुरू हो जाएगा और ग्रहण की सामाप्ति पर खत्म होगा। सूर्य ग्रहण में सूतक ग्रहण के स्पर्श होने से ठीक 12 घंटे पहले से प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में देश में ग्रहण का स्पर्श का समय अलग-अलग होने से सूतक का समय भी अलग-अलग होगा। सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। हालांकि धनबाद में मंदिर पहले से बंद हैं।

       ग्रहण पर बरतें यह सावधानी

  • ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करना वर्जित माना गया है। ऐसे में ग्रहण के दौरान और ग्रहण के खत्म होने तक भगवान की मूर्ति नहीं छूना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसे में इस दौरान न तो ग्रहण देखना चाहिए और न ही घर के बाहर निकलना चाहिए।
  • सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। सूतक लगने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
  • 21 जून को होने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से संबंधित मंत्रों का जाप करें।
  • ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल डालकर शुद्धि करें।
  • मान्यता है कि ग्रहण खत्म होने पर मंदिर में पूजा कर दान अवश्य करना चाहिए और गाय को रोटी खिलाने से अच्छा फल प्राप्त होता है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.