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Indian Railways: एक हजार रुपये में बिछेगी पारसनाथ से मधुबन के बीच रेल लाइन, विश्वास नहीं होता तो पढ़िए

Parasnath Railway Station से मधुबन के बीच नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। दोनों स्थानों के बीच की दूरी करीब 50 किलोमीटर है। आम बजट में पारसनाथ-मधुबन रेल लाइन परियोजना के लिए एक हजार रुपये का आवंटन किया गया है। मधुबन जैन धर्मावलंबियों का प्रमुख तीर्थस्थल है।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2021 01:57 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 10:07 PM (IST)
Indian Railways: एक हजार रुपये में बिछेगी पारसनाथ से मधुबन के बीच रेल लाइन, विश्वास नहीं होता तो पढ़िए
पारसनाथ रेलवे स्टेशन से मधुबन की दूरी करीब 50 किलोमीटर है ( फाइल फोटो)।

धनबाद [ तापस बनर्जी ]। दुनियाभर में जैन धर्मावलंबियों के लिए प्रसिद्ध और आस्‍था का केंद्र श्री सम्मेद शिखरजी, मधुबन तक रेलगाड़ी से तीर्थयात्रियों को पहुंचाने की योजना केंद्र सरकार ने बना रखी है। इसके लिए धनबाद रेल मंडल के पारसनाथ रेलवे स्टेशन से गिरिडीह जिले के मधुबन तक करीब 50 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने की परियोजना तैयार है। केंद्र सरकार ने आम बजट 2021-22 में हजार रुपये का फंड आवंटन किया है। आम बजट-2021-22 के तहत रेलवे के बजट में पारसनाथ-मधुबन रेल लाइन के लिए हजार रुपये आवंटन के बाद लोग दंग हैं। आखिर 50 किलोमीटर लंबी रेल लाइन हजार रुपये में कैसे बिछेगी ?

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पारसनाथ-मधुवन -गिरिडीह के बीच के स्‍टेशन व हॉल्‍ट

पारसनाथ-मधुबन -गिरिडीह के बीच कई स्‍टेशन व हॉल्‍ट बनाने की योजना है। पारसनाथ से खुलकर सबसे पहले चैनपुर हॉल्‍ट, फिर मदुबन, कुम्‍हारटोला, लखियाटांड़ व सलैया होकर गिरिडीह तक रेल लाइन प्रस्‍तावित है। भविष्‍य में इस रेल लाइन को कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन से जोड़ने का भी प्‍लान है।

हर साल देश-विदेश से पहुंचते हैं हजारों तीर्थ यात्री

पारसनाथ के मधुबन में हर साल देश विदेश से हजारों की संख्‍या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं। आस्‍था का केंद्र होने से देशभर के कई शहरों से पारसनाथ के लिए तीर्थ स्‍पेशल ट्रेनें भी चलती हैं। यात्रियों को पारसनाथ स्‍टेशन पर उतर कर मधुवन तक का सफर सड़क मार्ग से तय करना पड़ता है। मधुवन तक रेल लाइन बिछ जाने से न सिर्फ हजारों यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी बल्कि रेलवे की आमदनी में भी इजाफा होगा।

451.43 करोड़ की परियोजना, हो चुका शिलान्यास

पारसनाथ से मधुबन तक रेल लाइन बिछाने की परि‍योजना तकरीबन एक दशक पुरानी है। इस परियोजना में पारसनाथ से मधुबन और मधुबन से गिरिडीह स्‍टेशन तक 49 किमी लंबी रेललाइन बिछाने की योजना है। रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे पूरा हो चुका है। 2019 में तत्‍कालीन सांसद रवींद्र पांडेय इस परियोजना का शिलान्‍यास भी कर चुके हैं। इसकी लागत 451.43 करोड़ है। इस बजट में महज एक हजार के फंड को स्‍वीकृति मिली है। इसके बाद से ही लोग सच्चाई जानने में लगे हैं।

ये बजट का मामला है

बजट में परियोजना के लिए मात्र हजार रुपये आवंटन के बाद लोग सच्चाई को जानने में लगे हैं। आखिर माजरा क्या है। तो मामला यह है कि पारसनाथ-मधुबन रेल लाइन प्रोजेक्ट रेलवे की प्राथमिकता सूची में फिलहाल नहीं है। हां, भविष्य में जरूर रेल लाइन बिछाई जाएगी। रेलवे में बजट का ऐसे नियम है कि जो परियोजनाएं भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है उसपर काम न कर उसे सिर्फ जिंदा रखी जाती है। इसके लिए हर बजट में परियोजना के खाते में हजार रुपये डाल दी जाती है। यानी रेलवे की फाइल में पारसनाथ-मधुबन रेल लाइन प्रोजेक्‍ट सिर्फ जिंदा है।

करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये के परियोजना के लिए बजट में मात्र हजार रुपये के आवंटन की सूचना से दुख हुआ है। इस मुद्दे पर झारखंड सरकार को केंद्र से बात करना चाहिए। रेलवे की प्राथमिकता सूची में पारसनाथ-मधुबन रेल लाइन को लाने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात कर अपनी बात रखने की कोशिश करूंगा।

-रवींद्र पांडेय, पूर्व सांसद, गिरिडीह।


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