नौ महीने बाद पुलिस व सीआइएसएफ की मौजूदगी मुराईडीह व शताब्दी कोल डंप में लोकल सेल हुआ चालू
मुराईडीह कोल डंप में सोमवार को लगभग नौ महीने बाद बरोरा थाना की पुलिस की मौजूदगी में लोकल सेल के ट्रकों में कोयला लोडिग का काम शुरू हुआ। सोमवार को मात्र सात ट्रक ही कोयला लेने डंप पहुंची थी।
बरोरा : मुराईडीह कोल डंप में सोमवार को लगभग नौ महीने बाद बरोरा थाना की पुलिस की मौजूदगी में लोकल सेल के ट्रकों में कोयला लोडिग का काम शुरू हुआ। सोमवार को मात्र सात ट्रक ही कोयला लेने डंप पहुंची थी। प्रबंधन ने मुराईडीह व शताब्दी डंप में 10-10 ट्रकों का आवंटन किया था। इसमें मुराईडीह में चार तथा शताब्दी में तीन ट्रकों का ही कांटा हुआ। कांटा घर से लेकर कोल डंप तक पुलिस और सीआइएसएफ जवानों की मौजूदगी में ट्रकों पर कोयला लदाई का काम शुरू किया गया।
थाना प्रभारी नीरज कुमार की उपस्थिति में लोडिग मजदूरों को ट्रक आवंटित किया गया। पहला दिन होने के कारण डंप पर लोडिग मजदूर की उपस्थित बहुत कम थी। बरोरा थाना पुलिस द्वारा बनाई गई लोडिग मजदूरों के दंगलों की सूची के अनुसार ही ट्रकों में लोडिग मजदूर आवंटित किए गए। एसडीएम के निर्देश पर बनाए गए दंगलों में मुराईडीह में 125 तथा शताब्दी में 172 दंगलों को सूचीबद्ध किया गया है। देर शाम तक डंप में कोयला लेने पहुंचे एक भी ट्रक कोयला लेकर बाहर नहीं निकला। एक भी ट्रक को पूरा कोयला नहीं मिला। इससे एक भी ट्रक लोड नहीं हो सका। सभी ट्रक कोलियरी के अंदर ही खड़े हैं। क्या है मामला : मार्च महीने में कोयला उठाव पर वर्चस्व स्थापित करने को लेकर सिडिकेट समर्थक तथा विरोधियों के बीच झड़प हुई थी। इस मामले में मुराईडीह कोल डंप पर गोली और बम भी चले थे। घटना की जानकारी के बाद एसडीएम मुराईडीह कोल डंप पहुंचे थे। स्थिति को देखते हुए एसडीएम ने बीसीसीएल प्रबंधन को मुराईडीह कोल डंप बंद करने का आदेश दिया था। इसके अलावा बरोरा थाना की पुलिस व बीसीसीएल के अधिकारी को मिलकर मुराईडीह व शताब्दी के लोडिग मजदूरों की सूची तैयार करने का आदेश जारी किया था। जिला प्रशासन के आदेश के बाद बीसीसीएल प्रबंधन ने 16 मार्च से अगले आदेश तक के लिए कोल डंप को बंद करने का नोटिस जारी किया था। तबसे मुराईडीह कोलियरी में लोकल सेल बंद था।