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Dhanbad: नवजात की मौत के मामले में सिविल सर्जन ने दिए जांच के निर्देश, टीम ने शुरू की जांच

गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत के मामले में सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने जांच के निर्देश दिए हैं। सिविल सर्जन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर मामले की जांच शुरू की है।

By Atul SinghEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 05:31 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 05:31 PM (IST)
Dhanbad: नवजात की मौत के मामले में सिविल सर्जन ने दिए जांच के निर्देश, टीम ने शुरू की जांच
स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर मामले की जांच शुरू की है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद: गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की मौत के मामले में सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने जांच के निर्देश दिए हैं। सिविल सर्जन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर मामले की जांच शुरू की है। जांच टीम इसकी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौपेगी। सिविल सर्जन डॉ श्याम किशोर कांत ने बताया कि मामला गंभीर है। फिलहाल इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसमें जो भी दोषी चिकित्सक अथवा कर्मचारी पाए जाएंगे उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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क्या है मामला

सोमवार को टुंडी के रूपण रहने वाले अमल कर्मकार की पत्नी मीना कर्मकार का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के गेट पर ही प्रसव हो गया था। गंभीर अवस्था में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। लेकिन यहां डॉक्टरों को देखने और कागजी प्रक्रिया में काफी देर हो रही थी। इस वजह से उनके घर के सदस्यों को इधर से उधर घूमना पड़ रहा था। इस दौरान प्रसव कक्ष के बाहर ही मीना कर्म कार्य का प्रसव हो गया, वह दर्द से कराहती रही। इसके बाद किसी तरह उसे उठाकर वार्ड के अंदर ले जाया गया। जब नवजात की जांच की गई। तब पता चला कि उसकी जान चली गई है।

सिविल सर्जन ने प्रभारी से की बातचीत

इस संबंध में सिविल सर्जन गोविंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ राहुल कुमार से जानकारी ली है। हालांकि डॉ राहुल ने बताया कि महिला का पहले से कहीं दूसरे जगह पर इलाज किया जा रहा था। जब वहां पर प्रसव सफल नहीं हो पाया। तब गंभीर अवस्था में प्रसूता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। लेकिन इसी बीच गेट के पास भी उसका प्रसव हो गया। नवजात की मौत भी पहले ही हो गई थी। प्रभारी ने चिकित्सक अथवा किसी भी कर्मचारी पर लापरवाही का आरोप बेबुनियाद बताया है। हालांकि अब विभागीय जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि दोषी कौन है।


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