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IRCIRCTC: 168 साल बाद बदलेगा रेलवे के गार्डाें का पदनाम, अब कहलाएंगे ट्रेन मैनेजर, रेलवे बोर्ड का ग्रीन सिग्नल

1853 में पहली बार अपने देश में रेलगाड़ी दौड़ी थी। तब से अब तक रेलवे में कई बदलाव हुए। अब 168 साल के बाद ट्रेनों को सुरक्षित चलाने में मदद करने वाले रेलवे के गार्ड के पदनाम बदलेंगे। गार्ड के बदले उनका नया नाम ट्रेन मैनेजर होगा।

By Atul SinghEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 01:29 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 07:13 AM (IST)
पहली बार अपने देश में रेलगाड़ी दौड़ी थी। तब से अब तक रेलवे में कई बदलाव हुए। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद : 1853 में पहली बार अपने देश में रेलगाड़ी दौड़ी थी। तब से अब तक रेलवे में कई बदलाव हुए। अब 168 साल के बाद ट्रेनों को सुरक्षित चलाने में मदद करने वाले रेलवे के गार्ड के पदनाम बदलेंगे। गार्ड के बदले उनका नया नाम ट्रेन मैनेजर होगा। कई साल पहले ही गार्ड के पदनाम बदलने की घोषणा हो गई थी पर इसे अमल में नहीं लाया जा सका था। अब रेलवे बोर्ड के साथ हुई आल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन की दो दिवसीय बैठक के बाद इस पर मंजूरी की मुहर लग गई। जल्द ही रेलवे बोर्ड स्तर पर सभी जोनल रेलवे को इससे जुड़े आदेश जारी होंगे। इस बारे में फेडरेशन की जाेनल इकाई ईस्ट सेंट्रल रेलवे रेलवे कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष डीके पांडेय ने बताया कि 17 और 18 नवंबर को रेलवे बोर्ड के साथ फेडरेशन की पीएनएम यानी स्थायी वार्ता तंत्र की बैठक हुई थी। बैठक में फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र मौजूद थे। उन्होंने गार्ड के पदनाम बदलने से जुड़े लंबित मांग को उठाया जिस पर बोर्ड की स्वीकृति मिल गई।

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2015 से ही चल रही थी पदनाम बदलने की तैयारी

रेलवे के गार्ड के पदनाम बदलने की तैयारी 2015 से ही चल रही थी। उस वर्ष हुई पीएनएम में भी इस मुद्दे पर मंथन हुआ था। अब छह साल बाद इस पर रेलवे गोर्ड ने ग्रीन सिग्नल दिया है। फेडरेशन से इसे लागू करने को लेकर अपना तर्क दिया कि वर्तमान में बदलते कार्यप्रणाली के तहत सभी गार्ड अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। ट्रेन चलाने से जुड़े आवश्यक दस्तावेज और डाटा नोट करने, किसी भी तरह की गड़बड़ी, जरूरी सूचनाएं कंट्रोल रूम तक पहुंचाने और आपात सूचनाएं स्टेशन मास्टर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी गार्ड को सौंपी गई है। यात्री ट्रेनों में यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने, पार्सल सामग्रियों का निष्पादन, यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन की संरक्षा भी गार्ड के जिम्मे है।

अब 4600 और 4800 ग्रेड पे का इंतजार

आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के जोनल सचिव ओपी शर्मा ने कहा कि अब रेलवे के गार्ड और लोको पायलट को 4600 और 4800 ग्रेड पे दिए जाने की मांग को लेकर रेल मंत्रालय से बातचीत की जा रही है। रनिंग कर्मचारियों की इस मांग को लेकर भी फेडरेशन बोर्ड स्तर पर प्रयासरत है। पूरी उम्मीद है कि इस मांग पर भी जल्द ही सहमति बन जाएगी। फेडरेशन से गार्डों के पदनाम बदलने की बोर्ड की स्वीकृति मिलने को लेकर यूनियन की शाखा-दो के कर्मचारियों ने खुशी जािहर की। इनमें मीडिया प्रभारी एनके खवास, एके दा, टीके साहू, एनजे सुभाष, चमारी राम, विश्वजीत मुखर्जी समेत अन्य शामिल थे।


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