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Nirsa Ganja Sezure Case: सीआइडी के एडीजी ने धनबाद के पूर्व एसएसपी से की पूछताछ, अब होगी काैशल की सफाई की पड़ताल

निरसा थाने में 25 अगस्त 2019 को दर्ज गांजा बरामदगी के केस का अनुसंधान सीआइडी कर रही है। सीआइडी ने अब तक के अनुसंधान व तकनीकी साक्ष्य के आधार पर तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 07:47 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 09:50 AM (IST)
Nirsa Ganja Sezure Case: सीआइडी के एडीजी ने धनबाद के पूर्व एसएसपी से की पूछताछ, अब होगी काैशल की सफाई की पड़ताल
Nirsa Ganja Sezure Case: सीआइडी के एडीजी ने धनबाद के पूर्व एसएसपी से की पूछताछ, अब होगी काैशल की सफाई की पड़ताल

धनबाद, जेएनएन। बहुचर्चित निरसा गांजा बरामदगी केस में सीआइडी के एडीजी अनिल पालटा ने धनबाद के पूर्व एसएसपी किशोर काैशल से पूछताछ की है। पालटा ने काैशल के सामने बिठाकर करीब एक घंटे तक परेशान करने वाले ताबड़तोड़ सवाल किए। इस दाैरान काैशल ने सफाई दी। कहा-मुखबिर ने गलत सूचना दी थी। पुलिस को जैसे ही पता चला कि इस मामले में चूक हुई तो जांच की गई। जांच के बाद निर्दोष चिंरजीत घोष को आरोपो से मुक्त किया गया। इसके बाद उसे जमानत मिल गई। 

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निरसा गांजा बरामदगी केस की जांच सीआइडी कर रही है। पूछताछ में निरसा पुलिस ने बताया था कि वरीय अधिकारी के निर्देश पर छापेमारी की कार्रवाई हुई थी। इसी के बाद सीआइडी के एडीजी ने रांची में पूर्व एसएसपी से पूछताछ की। सीआइडी सूत्रों ने बताया कि पूर्व एसएसपी ने जो बयान दिया है उसकी सत्यता की जांच की जाएगी। इस मामले में पश्चिम बंगाल के एक पुलिस अधिकारी का नाम आ रहा है। उनसे भी जल्द ही पूछताछ की जाएगी। 

यह है मामला 

निरसा थाने में 25 अगस्त 2019 को दर्ज गांजा बरामदगी के केस का अनुसंधान सीआइडी कर रही है। सीआइडी ने अब तक के अनुसंधान व तकनीकी साक्ष्य के आधार पर तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है।  इस मामले में वरीय पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका की जांच हो रही है। क्योंकि निरसा के निलंबित थानेदार ने कह दिया है कि पूरी कार्रवाई वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर हुई थी।  

कोयला तस्करी में रोड़ा बन रहे थे चिरंजीत इसलिए फंसाया

धनबाद में गांजा तस्करी में इसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को फंसाने के मामले में सीआइडी अनुसंधान में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि जिस कार में गांजा प्लांट किया गया था। वह मेदिनीनगर के एक कबाड़ी कारोबारी की थी। एक साजिश के तहत यह पूरा खेल हुआ। ताकि कोयला तस्करी के रास्ते में रोड़ा बने चिरंजीत घोष को रास्ते से हटाया जा सके। दोनों आरोपित नीरज कुमार तिवारी व रवि कुमार ठाकुर ने उक्त कार में गांजा प्लांट किया था।


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