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खराब परफार्मेस वाले अधिकारी भुगतेंगे खामियाजा : सुधांशु

धनबाद : बीसीसीएल में हो रहे घाटे से कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव एनके सुधाशु के तेवर काफी तीखे ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 06:14 AM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 06:14 AM (IST)
खराब परफार्मेस वाले अधिकारी भुगतेंगे खामियाजा : सुधांशु
खराब परफार्मेस वाले अधिकारी भुगतेंगे खामियाजा : सुधांशु

धनबाद : बीसीसीएल में हो रहे घाटे से कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव एनके सुधाशु के तेवर काफी तीखे हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि परफॉर्मेस खराब होने पर अधिकारियों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कंपनी का मुनाफा कई क्षेत्रों को प्रभावित करता है। कंपनी नुकसान में रहेगी तो श्रमिकों के साथ उस शहर पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसलिए सभी कंपनी हित के बारे में सोचें। उन्होंने पारदर्शिता के संबंध में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने पर जोर दिया। सुधांशु मंगलवार को धनबाद में बीसीसीएल और ईसीएल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।

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इस दौरान बीसीसीएल प्रबंधन ने कंपनी की नई योजनाओं, उत्पादन और डिस्पैच के बारे में जानकारी दी। सुधाशु ने कहा कि देश को कोयला चाहिए। धनबाद में प्राइम कोल है। उत्पादन लक्ष्य पाएंगे तो कंपनी मुनाफे में आएगी। जमीन की समस्या को राज्य सरकार से मिलकर हल करने की जरूरत है। कोल कंपनियों ने नियमों के तहत सारी औपचारिकताएं पूरी कर दीं हैं। बावजूद जमीन का मालिकाना हक नहीं मिलने से समस्या आ रही है। जमीन का अधिग्रहण आरएनआर पॉलिसी के तहत कर विस्थापितों को उनका उचित मुआवजा दिया जाए। जो भी योजना बनाएं वह वह पांच से दस साल की हो। ताकि खनन और उत्पादन लक्ष्य पाने में आसानी हो। कोयला मंत्रालय ने सभी कोल कंपनियों को एक निश्चित लक्ष्य 2020 तक का दिया है। संसाधन की कमी नहीं है, लेकिन अधिकारियों को टीम वर्क करना होगा। कोयला डिस्पैच बढ़ाने के लिए प्रतिदिन बीसीसीएल को 30 रैक से अधिक कोयला डिस्पैच करना है। धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर भी चर्चा हुई। वहा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत काम करने की बात कही गई। कोयला गुणवत्ता पर ध्यान देने को कहा। कहा कि कोयला गुणवत्ता से छेड़छाड़ नहीं करें। इसका असर पॉवर प्लाट पर पड़ता है। यह बात भी उठी कि विभिन्न पॉवर प्लाट पर बीसीसीएल का करीब तीन हजार करोड़ रुपया बकाया है। इससे कंपनी की स्थिति पर भी असर पड़ रहा है। पॉवर प्लाट की ओर से बकाया भुगतान सहीं समय पर नहीं होने से डिस्पैच में कमी हुई है। बंगाल पॉवर प्लाट पर सबसे अधिक बकाया है। गुणवत्ता को लेकर फंसी रकम के भुगतान के लिए आपस में बैठक कर समस्या समाधान का निर्देश दिया गया। संयुक्त सचिव ने कहा कि इस वित्त वर्ष में बीसीसीएल को 42.4 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। 45.5 मिलियन टन डिस्पैच करना है। अप्रैल माह में कोयला उत्पादन में बीसीसीएल पिछड़ गई है। एरिया जीएम कोयला उत्पादन में पूरी ताकत लगाएं। बीसीसीएल सीएमडी अजय कुमार सिंह, तकनीकी निदेशक नरेंद्र कुमार त्रिपाठी, केएस राजशेखर, महाप्रबंधक केशव गुप्ता आदि थे।

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बीसीसीएल को पहले माह में लगा तगड़ा झटका

बताते हैं कि बीसीसीएल को गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में करीब 1000 करोड़ का घाटा हुआ है। जबकि इस वित्तीय वर्ष के पहले माह यानी अप्रैल में ही कंपनी को करीब 109 करोड़ का घाटा होने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के पहले माह में ही उत्पादन लक्ष्य पिछड़ना और घाटा होने से मंत्रालय की भी नींद हराम है। इधर सीएमडी अजय कुमार सिंह ने सभी अधिकारियों से उत्पादन बढ़ाने में सहयोग मांगा है। कहा है कि गुणवत्तापूर्ण उत्पादन से स्थिति सुधरेगी।


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