Lockdown Violation : आधा दर्जन कपड़ा-जूता दुकानदार धराए, चैंबर ने लगाई गुहार तो चेतावनी देकर छोड़ा गया
लॉकडाउन उल्लंघन कर कपड़ा-जूता बिक्री की सूचना मिलने पर छापामारी की गई। भविष्य में इस प्रकार की करवाई जारी रहेगी। सभी से अपील है कि प्रशासन द्वारा निर्गत निर्देशो का पालन करें।
धनबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को लेकर शहर में अब तक कपड़ा व जूता चप्पल की दुकानों को खोलने का आदेश नहीं हुआ है। बावजूद कुछ दुकानदार चोरी छुपके दुकान खोल रहे हैं। इस बात की जानकारी जब एसडीओ राज महेश्वर को हुई तो बुधवार को छापेमारी के लिए पुराना बाजार पहुंच गए। वहां तकरीबन आधा दर्जन रेडीमेट कपड़ा तथा जूता दुकान खुला हुआ था। तभी दुकान को बंद कराते हुए एसडीओ ने दुकानदारों को बैैंकमोड़ पुलिस के हवाले कर दिया।
फिर क्या था, जिला व पुराना बाजार चैंबर के पदाधिकारियों की परेशानी बढ़ गई। सभी भागते हुए दुकानदारों को छुड़ाने के लिए बैंकमोड़ थाना पहुंच गए। पुलिस ने जब मामला एसडीओ साहब को ट्रांसफर कर दिया तो कुछ व्यवसायी एसडीओ से भी मिले। दुकान खोलने के आरोप में पकड़े गए व्यवसायियों में सुशील अग्रवाल, जावेद, जूता-चप्पल व्यवसायी निजाम खान, मो. शहनवाज, आलीम अंसारी, मो. तनवीर तथा मो. शहनवाज नामक जूता चप्पल दुकानदार शामिल थे। सभी के खिलाफ पुलिस लॉकडाउन उल्लंघन का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में जुटी थी परंतु चैैंबर ने प्रशासन ने अनुरोध किया तो अंतिम चेतावनी देकर सभी को थाने से ही पीआर बॉड पर छोड़ा गया।
इस मामले को लेकर धनबाद डीसी अमित कुमार ने भी ट्वीट किया। साथ ही भविष्य में भी इस प्रकार की करवाई जारी रखने का संकेत दिया। डीसी ने लिखा, "लॉकडाउन का उल्लंघन कर कपड़ा एवं जूता इत्यादि की बिक्री की सूचना मिलने पर आज पुराना बाजार में छापामारी की गई। दोषी विक्रेताओं को हिरासत में लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई है। भविष्य में भी इस प्रकार की करवाई जारी रहेगी। सभी से अपील है कि प्रशासन द्वारा निर्गत निर्देशो का पालन करें।"
बैैंकमोड़ ऑफ चैैंबर के बैनर तल्ले मौन प्रदर्शन : कोरोना संक्रमण के फैलाव रोकने के लिए जिले में कपड़ा-जूता समेत कुछ दुकानों को अब भी बंद रखने का आदेश पुलिस प्रशासन का है। पर व्यवसायी अब इसका विरोध कर दिए। बुधवार को बैंकमोड़ चैंबर ऑफ कामर्स के बैनर तल्ले व्यवसायियों ने मौन प्रदर्शन किया। चैंबर से जुड़े पदाधिकारी सुरेंद्र अरोड़ा ने बताया कि सरकार ने जब जैसे कहा वैसे हम व्यवसायियों ने काम किया। अब तो कपड़ा जूता समेत कुछ अन्य दुकानों को छोड़ सभी दुकानें खुल चुकी है। ऐसे में इन दुकानों को भी खोलने की अनुमति प्रशासन दें।
व्यवसायी वर्ग आंदोलन के लिए होगा बाध्य : सुरेंद्र अरोड़ा ने कहा कि पिछले ढाई माह से व्यवसायी लॉकडाउन में रहे हैं। कर्मचारियों का वेतन, दुकान भाड़ा, बैैंक कर्ज, इएमआई आदि खर्चा भुगतान करना अब व्यवसायियों के लिए मुश्किल हो गया है। सरकार अगर इस पर तत्काल निर्णय नहीं लेती है तो व्यवसायी वर्ग आंदोलन के लिए भी बाध्य हो जाएगा। सरकार ऐसे नियम बनाए जिससे कपड़ा -जूता चपल समेत अन्य दुकानों को भी खोलने का मौका मिल सके।