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चुनावी शोर में पॉल्यूशन से जंग के एक्शन प्लान पर ध्यान नहीं, और अधिक हुई पीएम 10 की मात्रा Dhanbad News

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निगम को पत्र जारी कर बैंक खाता संख्या उपलब्ध कराने को कहा। निगम ने खाता भी खुलवा लिया लेकिन अभी तक निगम के खाते में यह राशि नहीं पहुंची।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 01:22 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 01:22 PM (IST)
चुनावी शोर में पॉल्यूशन से जंग के एक्शन प्लान पर ध्यान नहीं, और अधिक हुई पीएम 10 की मात्रा Dhanbad News
चुनावी शोर में पॉल्यूशन से जंग के एक्शन प्लान पर ध्यान नहीं, और अधिक हुई पीएम 10 की मात्रा Dhanbad News

धनबाद [आशीष सिंह]। शहर में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए अब चुनाव तक का इंतजार करना होगा। चुनाव बाद नगर निगम एक्शन प्लान पर काम करेगा। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने देश के 23 राज्यों के 122 शहरों में प्रदूषण के स्तर से पार पाने के लिए नेशनल क्लीयर एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) बनाया है। इसमें धनबाद भी शामिल है।

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एनसीएपी के तहत धनबाद नगर को एक्शन प्लान बनाने एवं इसके क्रियान्वयन के लिए छह करोड़ रुपये का अनुदान मिलना है। पिछले माह झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निगम को पत्र जारी कर बैंक खाता संख्या उपलब्ध कराने को कहा। निगम ने खाता भी खुलवा लिया, लेकिन अभी तक निगम के खाते में यह राशि नहीं पहुंची। आचार संहिता के कारण निगम के खाते में राज्य से यह राशि नहीं पहुंची। लिहाजा प्रदूषणमुक्त धनबाद बनाने की योजना पर काम शुरू नहीं हो सका।

  • इन चीजों पर होना है काम

- रोड स्वीपिंग मशीन से सड़कों की सफाई।

- समय-समय पर पानी का छिड़काव।

- वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएएमक्यूएमएस) की स्थापना।

- मोबाइल इंफोर्स यूनिट (एक गाड़ी और एक स्टॉफ)

- प्रदूषित इलाकों एवं खाली जगह पर पौधारोपण।

- खुले स्थानों, पार्क और सड़क किनारे पौधारोपण।

- कचरे का सही तरीके से निस्तारण।

- लोगों में हरियाली को लेकर जागरूकता अभियान।

  • कई इलाकों में पीएम 10 की मात्रा अधिक

जिले के प्रमुख स्थलों पर पीएम 10 की मात्रा अत्यधिक बढ़ चुकी है। इसमें बैंक मोड़, धनसार, झरिया आदि का इलाका प्रमुख तौर पर शामिल है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है। पीएम 10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) होना चाहिए, लेकिन जिले में कई जगह यह 300 पार कर चुका है। पिछले कुछ वर्षों में पीएम 10 में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।

  • पीएम-2.5 और पीएम-10 की वर्तमान में स्थिति

- पीएम -2.5 : 140 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब

- पीएम -10 : 250 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब

  • यह है मानक

- पीएम -2.5 : 60 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब तक

- पीएम -10 : 100 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब तक

  • आठ वर्ष पहले भी बना था एक्शन प्लान

2010 में सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में धनबाद को देश के 43 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में 13वें स्थान पर रखा था। इसके बाद वर्ष 2011 में डब्ल्यूएचओ ने दुनिया के प्रदूषित शहरों की एक सूची जारी की, जिसमें भारत के 33 शहरों को भी शामिल किया गया। इनमें धनबाद 11वें स्थान पर था। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रलय ने धनबाद में 31 मार्च, 2012 तक किसी भी तरह का उद्योग लगाने पर रोक लगा दी थी। 2011 में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर धनबाद एक्शन प्लान बनाया गया था। लेकिन आठ साल बाद भी यह योजना कागजों पर ही है। धनबाद में प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कार्ययोजना के लिए 1463 करोड़ खर्च का आकलन तैयार किया गया, लेकिन कार्ययोजना धरातल पर नहीं उतरी। 2017 में भी प्रदूषण पर जारी रिपोर्ट में धनबाद को देश के प्रदूषित शहरों में 24वें नंबर पर रखा गया। इस रिपोर्ट के बाद धनबाद में उच्च स्तरीय बैठक कर दुबारा एक्शन प्लान बनाने का निर्णय लिया गया। हालांकि इस निर्णय को भी दो वर्ष बीत गए।

  • धनबाद में प्रदूषण के प्रमुख कारक

- झरिया और कुसुंडा की हवा सबसे अधिक जहरीली।

- झरिया में रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर (पीएम-2.5) का स्तर 369.55 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) और कुसुंडा में 326.48 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर।

- इसका सामान्य लेवल 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर होना चाहिए।

- प्रदूषण का बड़ा कारण ओपनकास्ट कोलियरियां, इसकी वजह से धूल कण हवा में तैर रहे हैं।

- वायु प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल के खदान में हो रहे उत्पादन एवं कोल ट्रांसपोर्टेशन।

- वाहनों से निकलने वाली जहरीली गैस सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण आरएसपीएम (रेस्पाइरेबल सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) एवं एसपीएम (सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) मिलकर इसमें इजाफा कर रहे हैं।

- चिमनियों या जेनरेटर आदि से निकलने वाला धुआं भी बड़ा कारण है।

- अधिक नुकसान सड़क पर उड़ती हुई धूल से होता है। कोलियरी क्षेत्र से निकलने वाले कोयला लदे ट्रक धनबाद शहर को प्रदूषित करने में महत्वपूर्ण निभा रहे हैं।

- जिला परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2009 से लेकर अक्टूबर 2019 तक तीन लाख 60 हजार गडिय़ां धनबाद की सड़कों पर धुआं उड़ा रही हैं।

  • वायु प्रदूषित गैसों की असहनीय सीमा

प्रदूषित गैस           अधिकतम सहनीय सीमा

कार्बन मोनोऑक्साइड      8 घंटे

नाइट्रोजन ऑक्साइड       24 घंटे

सल्फर डाईऑक्साइड      24 घंटे

हाइड्रोकार्बन यौगिक        30 घंटे

रासायनिक ऑक्साइड       1 घंटे

धनबाद के प्रदूषण को कम करने के लिए नेशनल क्लीयर एयर प्रोग्राम के तहत काम होना है। जेएसपीसीबी ने निगम से अकाउंट की जानकारी मांगी थी, हालांकि अभी तक राशि नहीं मिली है। राशि मिलते ही एक्शन प्लान बनाकर काम शुरू कर देंगे। पिछले दिनो नगर विकास विभाग के सचिव के साथ इसपर बैठक भी हुई। राशि किस तरह से और किस मद में खर्च होगी, इसके लिए जिला स्तर पर कमेटी बनेगी। स्टेट से दिशा-निर्देश मिलने का इंतजार है, आते ही काम शुरू हो जाएगा।

- राजीव रंजन, अपर नगर आयुक्त धनबाद

केंद्र से राशि मिल चुकी है, चुनाव की वजह से राशि भेजी नहीं जा सकी है। चुनाव खत्म होने तक नगर निगम के खाते में राशि भेज दी जाएगी। एक्शन प्लान पर काम करने के लिए छह करोड़ रुपये मिलने हैं। प्रथम चरण में चार करोड़ और फिर कुछ दिन बाद शेष राशि भेजी जाएगी।

- राजीव लोचन बख्शी, सदस्य सचिव झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड


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