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कोयला कामगारों के वेतन समझौते पर विचार के लिए बैठक आज, बीएमएस भड़का, कहा- इस कमेटी का कोई मतलब नहीं

हैदराबाद में 1 जुलाई 2022 को हुई जेबीसीसीआइ 11 की की 5वीं बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया था। इसके आलोक में प्रबंधन और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों की समिति बनाई गई। यह समिति कोयला कामगारों के वेतन समझौते के कंपनी स्तरीय वित्तीय पहलुओं पर विचार करेगी।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Thu, 04 Aug 2022 08:39 AM (IST)Updated: Thu, 04 Aug 2022 08:39 AM (IST)
कोयला कामगारों के वेतन समझौते पर विचार के लिए बैठक आज, बीएमएस भड़का, कहा- इस कमेटी का कोई मतलब नहीं
कमेटी का चेयरमैन बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता को बनाया गया है।

जागरण संवादादाता, धनबाद: कोल इंडिया में कोयला कामगारों के वेतन समझौते के वित्तीय पहलुओं पर विचार के लिए बनी समिति की बैठक गुरुवार को कोयला भवन में होगी। कमेटी का चेयरमैन बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता को बनाया गया है।

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हैदराबाद में 1 जुलाई, 2022 को हुई जेबीसीसीआइ 11 की की 5वीं बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के आलोक में प्रबंधन और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों की समिति बनाई गई। यह समिति कोयला कामगारों के वेतन समझौते के कंपनी स्तरीय वित्तीय पहलुओं पर विचार करेगी। इसके आधार पर जेबीसीसीआइ में आगे विचार-विमर्श होगा। समिति की पहली बैठक 4 अगस्त को धनबाद स्थित बीसीसीएल मुख्यालय में हो रही है।

कमेटी के गठन के औचित्‍य पर उठाए सवाल

इधर, इस बैठक को लेकर केंद्रीय ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) भड़क गया है। बीएमएस से संबद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ ने उक्त कमेटी के गठन के औचित्य पर सवाल खड़े किए हैं। संघ के महामंत्री सुधीर घुरडे ने बयान जारी कर कहा कि 1 जुलाई को जेबीसीसीआइ की बैठक में ऐसी किसी कमेटी के गठन को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया, प्रबंधन का यह एकतरफा निर्णय है। नेताओं ने कहा कि कोल इंडिया मुनाफे में है। कंपनी लगातार बेहतर कर रही है। ऐसे में जेबीसीसीआइ की बैठक तुरंत बुलाकर वेतन समझौता दी गई मांगों के अनुसार करना चाहिए। एक साल तो केवल बातचीत में गुजर गया है। कहा कि 2021 जुलाई से कोयला मजदूरों का वेतन समझौता लंबित पड़ा है। इस पर तुरंत कोयला मंत्रालय को हस्तक्षेप करना चाहिए।

बैठक में बीएमएस नहीं लेगा हिस्‍सा

घुरडे ने कहा कि 4 अगस्त को बुलाई गई इस बैठक में बीएमएस के प्रतिनिधि की उपस्थिति नहीं रहेगी। कहा कि सीआइएल प्रबंधन जेबीसीसीआइ पर फोकस करने की बजाय इस तरह की कमेटी बना कर वेतन समझौते को लटकाने का काम कर रहा है।

इधर, कमेटी में सदस्य बनाए गए बीएमएस के वरिष्ठ नेता और जेबीसीसीआइ सदस्य सुरेंद्र कुमार पांडेय ने भी कमेटी गठन के औचित्य पर सवाल उठाए हैं। इस समिति के को-आर्डिनेटर कोल इंडिया के जीएम (एमपी एंड आइआर) अजय कुमार चौधरी हैं। वहीं यूनियन की तरफ से बीएमएस के सुरेंद्र कुमार पांडेय, एचएमएस के सिद्धार्थ गौतम, एटक के लखनलाल महतो और सीटू के डीडी रामानंदन हैं। समिति का गठन 6 जुलाई, 2022 को हुआ था। इसमें प्रबंधन और यूनियनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।


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