डीसी रेल लाइन के किनारे एक कॉलोनी ऐसा भी जहां हर दिन उड़ता रहता है कोल डस्ट, बन जाती है परत
असंगठित मजदूरों की बहुलता वाला अंगारपथरा लोडिंग धौड़ा के लोग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहां के लोग पानी गंदगी प्रदूषण की दंश झेल रहे हैं। धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के अंगारपथरा साइडिंग से सटे इस इलाके के लोगों का प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। हाइवा से कोयला की परिवहन तथा मालगाड़ी में कोयला लोडिंग के दौरान उड़ने वाली कोल डस्ट से पूरा धौड़ा में अंधेरा छा जाता है।
संवाद सहयोगी, कतरास: असंगठित मजदूरों की बहुलता वाला अंगारपथरा लोडिंग धौड़ा के लोग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहां के लोग पानी, गंदगी, प्रदूषण की दंश झेल रहे हैं। धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन के अंगारपथरा साइडिंग से सटे इस इलाके के लोगों का प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। हाइवा से कोयला की परिवहन तथा मालगाड़ी में कोयला लोडिंग के दौरान उड़ने वाली कोल डस्ट से पूरा धौड़ा में अंधेरा छा जाता है। सुबह आगन व छत पर कोल डस्ट की काली परत बन जाती है। सोकर जगने के बाद लोगों के चेहरे के साथ नाकों से कालिख निकलता है। यहा के लोगों का माने तो साबुन में अधिक खर्च आता है। साथ ही लोग अपने कपड़े भी बाहर सुखाने से डरते हैं। उन्हें घर के अंदर ही अपना कपड़ा सूखाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि यदि बाहर कपड़े सुखाने दिए तो थोड़ी ही देर में कोल डस्ट के कारण कपड़े पूरी तरह से गंदे हो जाते हैं। वार्ड संख्या पाच अंर्तगत इस धौड़ा में करीब सात सौ की आबादी है। नाली का गंदा पानी घरों में घुस जाता है। कोरोना काल से लेकर आज तक नगर निगम के द्वारा सफाई कर्मी द्वारा सफाई नहीं किया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि आस्था का केंद्र शिव मंदिर भी नाली का गंदा पानी घुस गया है। झमाडा का पानी को लोग उपयोग में लाते हैं। वहीं पिट वाटर की यहा सुविधा नहीं है। जिससे लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। अधिकतर लोग दूर दराज से पानी ला कर दैनिक कार्य में लाते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्वतमान पार्षद राजेंद्र प्रसाद द्वारा कभी भी सुध नहीं लिया। सफाई की दिशा में उन्होंने कभी भी पहल नहीं किया।