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कोयलांचल में चोरों की चांदी, लगातार पुलिस चेकिंग के बाद भी 12 महीने में उड़ाए 655 वाहन Dhanbad News

धनबाद जिले में पिछले एक साल (2019) में 655 वाहन चोरी हुई हैं। चोरी गई इन वाहनों की कीमत अनुमानित 50 करोड़ से अधिक है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 07:59 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 07:59 PM (IST)
कोयलांचल में चोरों की चांदी, लगातार पुलिस चेकिंग के बाद भी 12 महीने में उड़ाए 655 वाहन Dhanbad News
कोयलांचल में चोरों की चांदी, लगातार पुलिस चेकिंग के बाद भी 12 महीने में उड़ाए 655 वाहन Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। वाहन चोरी तथा सड़क हादसे की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस शहर में हर दिन वाहन चेकिंग करती है। एसएसपी ने सभी थानेदार को महीने में 15 दिन वाहन चेकिंग करने का आदेश भी जारी किया है। बावजूद वाहन चोरी की घटना लगातार हो रही है। आकड़ा बयां करते हैं कि 365 दिनों में 655 वाहन जिले से चोरी हुई हैं। एक साल में चोरी गई इन वाहनों की अनुमानित कीमत 50 करोड़ रुपये से अधिक है।

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हर दिन हो रही वाहन चोरी की घटना को लेकर पुलिस परेशान रहती है, पर ये केवल प्राथमिकी तक ही सीमित रह जाती है। अधिकांश वाहन चोरी के मामले में पुलिस घटना सत्य पर सूत्रहीन (एफआरटी) बता अपना पिंड छुड़ा लेती है। कई बार ऐसा हुआ कि एक दिन तीन-तार बाइक तक चोरी हुई। वैसे, चोरों को पकडने की जगह पुलिस वाहन चालकों को ही बाइक में डबल लॉक लगाने की नसीहत देती रही है। पिछले सप्ताह ही शहर में एक ही दिन में दो बाइक चोरी हो गई। भुक्तभोगियों ने घटना की लिखित शिकायत धनबाद थाने में की है।

पांडरपाला निवासी नवीन कादरी की बाइक सिटी सेंटर के पास से चोरी हुई। वहीं भूली ई ब्लाक निवासी हरेंद्र यादव की बाइक स्टेशन रोड स्थित हनुमान मंदिर के पास से चोरी हो गई। इसके अलावा सरायढेला बैंकमोड़, धनसार भूली, केंदुआडीह, झरिया, कतरास, गोविंदपुर समेत जिला के लगभग सभी थाना क्षेत्र से सैकड़ों की संख्या में बड़े छोटे वाहन चोरी हुई है। जिसका की पुलिस पता नहीं लगा पाई है। बैैंकमोड़ धनबाद, सरायढेला भूली, गोविंदपुर इलाके से बड़ी कारे व मालवाहन तक चोरी हो चुकी है। जिले में बाइक चोरी का आकड़ा सबसे अधिक हैै। 

बरामद बाइक का नहीं हो पाता है शिनाख्त 

कई बार बाइक चोर गैंग भी पकड़े गए हैं। जिसके निशानदेही पर पुलिस चोरी की दर्जनों बाइक बरामद की है, लेकिन वह बाइक अब भी थाने में सड़ रही है। बाइक का इंजन नंबर तथा चेचिस नंबर के आधार पर उसके वास्तविक मालिकों का पता लगाया जा सकता है, परंतु ऐसा नहीं हो पाता है। ना ही बरामद गाड़ी के नंबर का पुलिस प्रचार प्रसार करती है, ताकि उसके वास्तविक मालिक का पता लग सके।  

धनबाद के कई थानों में सड़ रहे बरामद वाहन  

गत वर्ष ही जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में पुलिस ने चोरी की बाइक जब्त की, लेकिन उस बाइक का वास्तविक मालिक का पता पुलिस नहीं लगा पाई है। जिले के बैंकमोड़, धनसार, केंदुआडीह, बलियापुर, लोयाबाद समेत विभिन्न थाना क्षेत्र में चोरी के वाहन पुलिस ने बरामद की थी। उसमें से अधिकांश वाहन अब भी थाने में ही है। 

चोरी की अधिकांश बरामद वाहनों पर होता बीमा कंपनी का अधिकार 

वाहन चोरी के मामले में पुलिस अनुसंधान के दौरान घटना को सत्य पर सूत्रहीन बताकर जब मामले का एफआरटी करती है तभी बीमा कंपनी से भुक्तभोगी ऑनर को मुआवजा मिलता है। परंतु मुआवजा लेने के क्रम में बीमा कंपनी ऑनर से वाहन के कागजात ले लेते हैैं। ऐसी स्थिति में जब कभी महीनों बाद वह गाड़ी पुलिस बरामद करती है तो उस गाड़ी का मालिकाना हक कंपनी को चला जाता है और कंपनी बरामद बाइक को प्राप्त करने में दिलचस्पी नहीं दिखाती है। लिहाजा वाहन थाने में ही सड़ जाते हैैं।


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