Dhanbad BJP Office: बिक गया 36 वर्ष पुराना भाजपा कार्यालय, क्रिकेटर MS Dhoni व त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब से भी जुड़ी हैं यादें
धनबाद के जेसी मल्लिक रोड स्थित भाजपा कार्यालय से ही पार्टी ने शून्य से शिखर तक का सफर तय किया। इसी कार्यालय से आज धनबाद के चार विधायक सांसद मेयर जिला परिषद अध्यक्ष से पार्षद तक सब भाजपा के कार्यकर्ता हैं। पार्टी के पुराने कार्यालय इसे लक्षमिनियां कार्यालय कहते हैं।
धनबाद, [रोहित कर्ण]। भाजपा का जेसी मल्लिक रोड स्थित पुराना कार्यालय आखिरकार बिक गया। इसे जेसी मल्लिक रोड के रहनेवाले सुमन सिंह ने खरीदा है। भाजपा कार्यालय हटाए जाने के बाद मकान मालिक ने ऑनलाइन जमीन बेचने का प्रस्ताव दिया था। जानकारी के मुताबिक पौने तीन कट्ठा जमीन में बने इस कार्यालय का सौदा 70 लाख में हुआ है। इस भवन में लगभग 36 वर्षों तक भाजपा का कार्यालय रहा।
तोड़कर बनेगा नया भवन : मकान खरीदनेवाले सुमन सिंह कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं। सुमन के मुताबिक फिलहाल कार्यालय का यही स्वरूप रहेगा। फिलहाल इसकी रंगाई-पुताई कराई जा रही है। बाद में इसे तोड़कर नया भवन बनाया जाएगा। इस भवन में उनका आवास व कार्यालय रहेगा। सिंह जेसी मल्लिक रोड इलाके में ही रह रहे हैं।
1984 से था भाजपा कार्यालय : जेसी मल्लिक रोड इलाके में स्थित यह भवन 1984 से भाजपा का कार्यालय था। तब डुमरा स्टेट की ज्ञानी महारानी भाजपा की जिलाध्यक्ष थीं। तब बोकारो भी भाजपा जिला का ही अंग हुआ करता था। लिहाजा उनके बाद समरेश सिंह पार्टी के जिला अध्यक्ष बने। उनके बाद प्रो. निर्मल चटर्जी, पशुपतिनाथ सिंह, विजय झा, सत्येंद्र कुमार, राज सिन्हा, अशोक मंडल, हरिप्रकाश लाटा, चंद्रशेखर सिंह भाजपा के जिला अध्यक्ष बने।
कई दिग्गजों का रहा है नाता : पूर्व जिला अध्यक्ष हरिप्रकाश लाटा के मुताबिक यहां से कई दिग्गजों का नाता रहा है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब (Biplab Kumar Deb), झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री गोविंदाचार्य तो यहां कई दिनों तक ठहरे भी हैं। गुजरात के राज्यपाल रहे कैलाशपति मिश्र, बिहार विधान परिषद के सभापति रहे ताराकांत झा, अश्विनी कुमार समेत तमाम दिग्गज नेताओं का नाता इस कार्यालय से रहा है। अटल-आडवाणी को छोड़ पुराने सभी नेता यहां आ चुके हैं।
लक्षमिनियां कार्यालय था भाई : कार्यालय के ठीक सामने रहने वाले भाजपा के पुराने कार्यकर्ता व अधिवक्ता अजय त्रिवेदी के कई संस्मरण यहां से जुड़े हैं। कहते हैं यह लक्षमिनियां कार्यालय था भाई। इस भवन में पार्टी कार्यालय जब खुला तब यहां न एक विधायक थे न सांसद। बोकारो भी धनबाद जिला का ही अंग था। 84 में समरेश सिंह लोकसभा चुनाव लड़े तो 90 हजार वोट मिला। इसी कार्यालय के रहते आज वह दिन है कि धनबाद के चार विधायक, सांसद, मेयर, जिला परिषद अध्यक्ष से स्थानीय पार्षद तक सब भाजपा के कार्यकर्ता हैं। प्रदेश अध्यक्ष से केंद्रीय मंत्री तक धनबाद के कार्यकर्ता इसी कार्यालय से गुजरे।
धोनी भी आ चुके हैं यहां : भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) का भी जिला भाजपा कार्यालय से नाता रहा है। त्रिवेदी के मुताबिक तब वे मशहूर नहीं हुए थे। रणजी खेल रहे थे। वे धनबाद आए तो उनके दोस्त उन्हें यहां भी लेते आए। वे भाजपा कार्यालय में काफी देर ठहरे और फिर चले गए। तब उन्हें होनहार क्रिकेटर समझा जाता था। बाद में वे देश का चमकता सितारा बन गए।
राजनीति से नफरत करनेवाले ठेंगड़ी का भी बना ठौर : राजनीति का जूता उतार कर अंदर आएं कहने वाले भारतीय मजदूर संघ व भारती किसान संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी को भी एक बार इस कार्यालय को अपनी ठौर बनानी पड़ी थी। उन दिनों को याद कर त्रिवेदी कहते हैं कि वे कालका मेल से उतरे थे। उन दिनों संगठन संसाधन विहीन था। सूचना तंत्र भी बेहतर नहीं था। उन्हें भामसं कार्यालय की जानकारी नहीं थी। अन्य कार्यकर्ता आए नहीं थे। लिहाजा लोगों ने आरएसएस समर्थक संगठन समझते हुए भाजपा कार्यालय का पता दे दिया। राजनीति व उसके कार्यालय से विरक्ति रखने वाले ठेंगड़ी को आखिरकार यहीं ठहरना पड़ा। चाय-नाश्ते के बाद भामसं कार्यकर्ता आए तो उन्हें अपने साथ लेते गए।