मैथन, पंचेत डैम सहित जिले के छह सरकारी जलाशयों में डाले जाएंगे 33 लाख मस्त्य बीज
धनबाद जिले में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की तैयारी शुरू हो गई है। जिला मत्स्य विभाग अब जलाशय मत्स्य विकास योजना के तहत बीज संचयन का कार्य शुरू करेगा।
धनबाद : धनबाद जिले में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की तैयारी शुरू हो गई है। जिला मत्स्य विभाग अब जलाशय मत्स्य विकास योजना के तहत बीज संचयन का कार्य शुरू करेगा। इसके तहत जिले के छह नदियों, तालाबों व जलाशयों में 33 लाख मत्स्य बीज डाले जाएंगे। इसके लिए लाभुक समिति का चयन किया जा चुका है। समिति दो डैम, एक झील समेत तीन तालाबों में बीज संचयन का काम करेगी। इस योजना का उद्देश्य इन जलाशयों के आसपास रहने वाले लोगों व मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाना है। इससे उन्हें रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। मैथन और पंचेत डैम पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे हुए हैं। इन दोनों डैम से बड़ी संख्या में मत्स्य पालकों का रोजगार जुड़ा है। इन दोनों डैम में हर दिन मछली पकड़ी जाती है। इसे बंगाल में बेचा जाता है। दोनों जगहों पर कई किस्म की मछलियां पाई जाती है। झारखंड सीमा में लगभग 250 से अधिक मल्लाह परिवार है। इसके अलावा तोपचांची झील, चेपकिया, धधकीटाड़ और मंझलाडीह में सरकारी तालाब हैं। जहां आसपास के लोग मछली पकड़ कर उसे बाजार में बेचते हैं। ऐसी स्थिति में बरसात का मौसम खत्म होने के बाद ही विभाग मत्स्य बीज अंगुलिका संचयन को लेकर प्रयासरत था। जिला मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी ने बताय कि करीब 2.25 लाख रुपये के मत्स्य बीज अंगुलिकाओं कता संचयन किया जाना है। जिले के अंदर मत्स्य बीज का उत्पादन करने वाले प्रशिक्षित मछली पालकों से बीज लेकर इन जलाशयों में संचयन करेगी।