AIIMS: झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए खुशखबरी ! देवघर में जनवरी में शुरू होगी इलाज की यह व्यवस्था
AIIMS एम्स के निदेशक डा. सौरभ वार्ष्णय ने जागरण के साथ खास बातचीत में कहा कि अगस्त से ओपीडी सेवा चल रही है। 2022 के अप्रैल-मई तक भवन निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय सीमा तय कर दी गई है। इसके बाद 750 बेड का अस्पताल चालू हो जाएगा।
आरसी सिन्हा, देवघर। एम्स देवघर का निर्माण कार्य 2022 के मई तक पूरा हो जाएगा। एम्स की स्थाई समिति ने समय तय कर दिया है। 26 अगस्त को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स में ओपीडी का शुभारंभ किया था। अभी यहां 400 मरीजों को चिकित्सीय परामर्श दी जा रही है। 2022 में जब एम्स के सभी भवन बनकर तैयार हो जाएंगे तब 750 बेड का स्वीकृत अस्पताल भी शुरू हो जाएगा। संभावना है कि जनवरी से 300 बेड पर मरीजों की भर्ती शुरू हो जाएगी। एम्स के निदेशक डा. सौरभ वाष्र्णेय ने जागरण के साथ खास बातचीत में कहा कि अगस्त से ओपीडी सेवा चल रही है। 2022 के अप्रैल-मई तक भवन निर्माण कार्य पूर्ण करने की समय सीमा तय कर दी गई है। इसके बाद 750 बेड का अस्पताल चालू हो जाएगा। जनवरी या फरवरी से 200 से 300 बेड पर मरीजों की भर्ती होने लगेगी। एम्स प्रबंधन की मंशा है कि जल्द से जल्द लोगों को लाभ मिलने लगे।
उन्होंने शैक्षणिक तैयारी पर कहा कि यहां एमबीबीएस की 100 सीट स्वीकृत है। तीसरे बैच का नामांकन दिसंबर से शुरू हो रहा है। एमबीबीएस में दो बैच का सत्र चल रहा है। पहला बैच में 50 दूसरे बैच में 62 और तीसरा बैच में पूरे स्वीकृत सीट पर नामांकन हो रहा है। 60 सीट बीएससी नर्सिंग का भी स्वीकृत है। नीट से प्रवेश परीक्षाएं हो चुकी है। जनवरी में नर्सिंग की सीट पर भी नामांकन शुरू होगा उसके बाद सत्र आरंभ हो जाएगा।
निदेशक डा. सौरभ वाष्र्णेय ने कहा कि छात्रावास, डाक्टर और कर्मचारी आवास का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जो समय सीमा तय किया गया है उस मुताबिक पूरा हो जाने की पूरी संभावना है। एमओयू के मुताबिक राज्य सरकार को पाइप लाइन से जलापूर्ति और 33 केवीए का स्पेशल फीडर से बिजली की आपूर्ति देनी है। इस पर राज्य सरकार पूरा सहयोग कर रही है।
एम्स कैंपस में ट्रांसफार्मर एवं जेनरेटर का इंस्टालेशन हो चुका है। केवल जसीडीह ग्रिड से लाइन की आपूर्ति की जानी है। इसके लिए मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव समेत सभी संबंधित विभाग के सचिव को पत्राचार किया गया है। संप्रति ग्रामीण फीडर से 11 केवीए की आपूर्ति हो रही है। कैंपस में किए गए बोरिंग से अभी की डीमांड पूरी की जा रही है।