Covid-19: कोरोना वायरस से ठीक हुए तो गायब हुई नींद, पोस्ट कोविड केयर सेंटर में दी जा रही यह सलाह
कोविड सेंटर के प्रभारी डॉ. यूके ओझा ने बताया कि ऐसे मरीजों का इलाज करा रहे हैं। दवाओं के अलावा मनोचिकित्सक की उनको सलाह दिलाई जाती है। साथ ही प्राणायाम व ध्यान करने की भी सलाह दी जाती है। मरीजों के लिए पोस्ट कोविड सेंटर बनाया गया है।
धनबाद [ मोहन गोप ]। कोरोना वायरस को धनबाद के कई लोगों ने मात दी। वे ठीक होकर घर भी चले गए। बावजूद कई की अब नींद उड़ गई है। आंकड़े बताते हैं कि कोरोना को परास्त करने वाले करीब 20 फीसद मरीज नींद न आने की समस्या से ग्रस्त हैं। घबराहट, सिर में दर्द, गले में खराश, सीने में दर्द, कमजोरी, थकान, सांस लेने में परेशानी, भूख न लगना, मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण भी हैं। धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की कोरोना टास्क टीम की जांच में यह निष्कर्ष सामने आया है। टीम के सदस्य कोविड सेंटर के प्रभारी डॉ. यूके ओझा ने बताया कि ऐसे मरीजों का इलाज करा रहे हैं। दवाओं के अलावा मनोचिकित्सक की उनको सलाह दिलाई जाती है। साथ ही प्राणायाम व ध्यान करने की भी सलाह दी जाती है।
1500 लोगों ने की नींद न आने की शिकायत
कोरोना को हराने वाले मरीजों के लिए पोस्ट कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। धनबाद में कुल 7516 मरीज कोरोना को हरा चुके हैं। कुल 7720 संक्रमित हुए थे। वहीं 111 की जान चली गई थी। करीब 1500 लोगों ने नींद न आने की शिकायत की थी। उपचार के बाद तीन दर्जन लोग ठीक हो चुके हैं। अन्य को भी तेजी से फायदा हो रहा है। जिन लोगों के फेफड़ों में संक्रमण 40 प्रतिशत से अधिक था। जिन्हेंं अधिक मात्रा में दवा के रूप में स्टेरॉयड दी गई है। उनके हार्मोन की गतिविधियों में भी परिवर्तन हुआ। उनको नींद न आने की शिकायत हुई। 35 साल तक के कई उन युवाओं को भी यह समस्या हुई जो कोरोना को हरा चुके थे। दरअसल ये नौकरी व भविष्य की चिंता में पहले से ही चिंतित थे, इस बीच कोरोना वायरस ने भी जकड़ लिया था। उनके मस्तिष्क की न्यूरॉन (संदेशों का आदान प्रदान करने वाली कोशिकाओं) पर इसका ज्यादा असर पड़ा। लगातार सोचने और डर की वजह से नींद कम हो गई। कई लोगों को गले में खराश, गले में दर्द, सीने में दर्द, बदन दर्द की समस्या भी हुई। इनका पोस्ट कोविड सेंटर में जांच कर उपचार किया जा रहा है।
मनोचिकित्सक और काउंसलर कर रहे मदद
ऐसे मरीजों के लिए मनोचिकित्सा विभाग में अलग से व्यवस्था की गई है। मनोचिकित्सक डॉक्टर शिल्पी कुमारी इन मरीजों का इलाज कर रही हैं। दवा के साथ खुश रहने को कहा जाता है। सदर अस्पताल के युवा मैत्री केंद्र में काउंसलर रानी प्रसाद काउंसलिंग कर मरीजों का भय दूर कर रही है। ऐसे मरीजों को हर दिन काउंसलिंग की जा रही है। उनको समस्या से निजात को योग करने की सलाह भी दी जाती है।
योग और प्राणायाम से मिली राहत
मटकुरिया के रहने वाले धरमवीर कुमार कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। नींद नहीं आने की समस्या से ग्रसित थे। वे कहते हैं योग और प्राणायाम से राहत मिली है। अनुलोम विलोम और ध्यान से आंतरिक मजबूती मिल रही है। तनाव कम हुआ है और अब नींद आने लगी है। जोड़ापोखर के कौशलेंद्र कुमार भी संक्रमित हुए थे। ठीक होने के बाद काफी तनाव में रहे। उन्होंने योग और प्राणायाम किया। सुबह मॉॄनग वाक पर निकलते हैं। नींद नहीं आने की समस्या अब कम हो गई है।
कोरोना संक्रमण ठीक होने के बाद कई लोगों में पोस्ट कोविड लक्षण दिख रहे हैं। इनका सेंटर में इलाज किया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज की कोरोना टास्क टीम मरीजों पर नजर रखे है। उनको उचित सलाह देकर उपचार किया जा रहा है।
-डॉक्टर शैलेंद्र कुमार प्राचार्य, एसएनएमएमसीएच, धनबाद।