रेलवे में 13450 पद समाप्त होंगे, पूर्व मध्य रेल के 400
धनबाद तकरीबन डेढ़ साल से कोरोना की मार झेलने के बीच जान जोखिम में डालकर काम कर रहे रेलवे कर्मचारियों को मंत्रालय ने तगड़ा झटका दे दिया है। रेल मंत्रालय ने 13450 पदों को सरेंडर करने का फरमान जारी कर दिया है। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में सभी जोन को लिस्ट तैयार करने संबंधी पत्र भी जारी कर दिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : तकरीबन डेढ़ साल से कोरोना की मार झेलने के बीच जान जोखिम में डालकर काम कर रहे रेलवे कर्मचारियों को मंत्रालय ने तगड़ा झटका दे दिया है। रेल मंत्रालय ने 13450 पदों को सरेंडर करने का फरमान जारी कर दिया है। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में सभी जोन को लिस्ट तैयार करने संबंधी पत्र भी जारी कर दिया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कर्मचारियों के काम की समीक्षा के आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी और उसी आधार पर पद समाप्त होंगे। बोर्ड के इस फैसले का असर पूर्व मध्य रेल पर भी पड़ेगा। जोन में 400 से अधिक पदों को सरेंडर किया जा सकता है। धनबाद रेल मंडल में सौ से ज्यादा पद समाप्त हो जाएंगे। रेल मंत्रालय के इस फैसले से कर्मचारियों में काफी उबाल है। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।
यूनियन अध्यक्ष डीके पांडे ने कहा कि कोरोना महामारी से चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। रेलवे के एक लाख से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित हैं। दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इनमें ज्यादातर ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्होंने रेलवे की सेवा के दौरान ही अपनी जान गवाई है। उन्हें फ्रंट लाइन कर्मचारी की श्रेणी में शामिल करना तो दूर उल्टा रेलवे अब हजारों पदों को सरेंडर करने की तैयारी कर रही है। कहा कि ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की स्टैंडिग कमेटी की 26 मई को हुई बैठक में इस मामले को जोर-शोर से उठाया गया है। सभी जोन के यूनियनों ने सरकार के इस निर्णय पर घोर आपत्ति जताते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के समक्ष विरोध दर्ज कराने का फैसला लिया है। यूनियन के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने बताया कि 20 मई को रेल मंत्रालय ने इससे जुड़ा आदेश जारी किया है। यूनियन फेडरेशन के गाइडलाइन का इंतजार कर रही है। जरूरत पड़ी तो आंदोलन होगा।