धनबाद प्रक्षेत्र में 1.25 लाख लोगों ने दाखिल किया रिटर्न
कैचवर्ड - आयकर - सबसे अधिक ऑनलाइन रिटर्न हुआ फाइल, जिले के आस्क सेंटर में मैनुअल तरी
कैचवर्ड - आयकर
- सबसे अधिक ऑनलाइन रिटर्न हुआ फाइल, जिले के आस्क सेंटर में मैनुअल तरीके से 2360 रिटर्न फाइल
- सभी आठ जिलों में लगभग 11 हजार मैनुअल आइटीआर भरा गया, नए लोगों की संख्या में जबरदस्त इजाफा
आशीष सिंह, धनबाद
इसे आयकर का डर कहें या फिर जरूरत, धनबाद प्रक्षेत्र में शुक्रवार की मध्यरात्रि तक 1.25 लाख आयकरदाताओं ने रिटर्न दाखिल किया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से रिटर्न फाइल करने में मिली एक माह की छूट का असर भी दिखा। हालांकि 31 जुलाई तक अधिकतर आयकरदाताओं ने रिटर्न दाखिल कर दिया था, लेकिन सीबीडीटी से राहत मिलने के बाद ऐसे लोगों ने भी रिटर्न दाखिल करने में दिलचस्पी दिखाई जो आयकर के दायरे में नहीं आते। इसमें नए रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या बढ़ी है। रिटर्न में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण जुर्माना है। एक सितंबर से रिटर्न दाखिल करने पर पांच हजार और 31 दिसंबर के बाद सीधे दस हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। शुक्रवार को आयकर विभाग धनबाद कार्यालय मध्यरात्रि तक खुला रहा। सबसे अधिक ऑनलाइन रिटर्न फाइल हुआ। धनबाद के आस्क सेंटर में मैनुअल तरीके से 2360 रिटर्न फाइल हुए। प्रक्षेत्र के आठों जिलों को मिलाकर लगभग 11 हजार मैनुअल रिटर्न दाखिल हुए। ऑनलाइन और मैनुअल मिलाकर धनबाद प्रक्षेत्र में 1.25 लाख रिटर्न दाखिल हुए। आयकर विभाग के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष रिटर्न दाखिल करने वालों में 10 से 20 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष लगभग एक लाख ने रिटर्न दाखिल किया था। धनबाद प्रक्षेत्र में धनबाद, गिरिडीह, देवघर, जामताड़ा, दुमका, पाकुड़, साहेबगंज और गोड्डा जिले आते हैं।
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ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी जो आयकर के दायरे में नहीं
आइटीओ हेडक्वार्टर आरके चौधरी के अनुसार लोगों ने नियमों के इतर जाकर रिटर्न दाखिल किया है। मसलन आयकर नियम के अनुसार जिनकी सालाना आय 2.50 लाख रुपये से अधिक है, उनके लिए रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। ऐसे लोगों के लिए भी रिटर्न दाखिल करना फायदेमंद है, जिनकी आय इससे भी कम है। 31 जुलाई से एक माह मियाद बढ़ने का भी इसर दिखा। उन लोगों के आइटीआर फाइल करने में काफी इजाफा हुआ है जिन पर आयकर देय नहीं है, यानी जो आयकर के दायरे में नहीं आते। करदाताओं को प्रोत्साहित करने और शिक्षित करने के चलते तो आइटीआर में बढ़ोतरी हुई ही है, साथ ही 31 अगस्त के बाद फाइल करने पर जुर्माना लगने के डर की वजह से भी अधिक लोगों ने फॉर्म भरे हैं। टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार जीएसटी के तहत किए गए भुगतान और प्राप्त किए गए लाभ के चलते कई व्यापारी भी आइटीआर भरने को मजबूर हुए हैं।
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रिटर्न के फायदे
- बैंक या वित्तीय संस्था से किसी तरह का लोन लेना है तो आयकर रिटर्न काफी मददगार साबित होता है। आइटीआर आमदनी का पुख्ता सबूत है।
- इनकम टैक्स रिटर्न की मदद से आपकी सालाना आमदनी और सरकार को चुकाए गए टैक्स की विस्तृत जानकारी मिलती है।
- आप विदेश जाना चाहते हैं तो वीजा जारी करने से पहले कई देश आयकर रिटर्न मागते हैं। इसकी वजह यह है कि वे जानना चाहते हैं कि क्या आपकी आय इतनी है, जिससे आप उस देश में होने वाले खर्च को उठा सकें।
- अगर आप बड़ी रकम का टर्म इंश्योरेंस लेना चाहते हैं, तो बीमा कंपनियां आइटीआर माग सकती हैं।
- आप बड़ा निवेश या फिर प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने के बारे में सोचते हैं तो आपको आयकर रिटर्न जरूर दाखिल करना चाहिए।