12 घंटे कमरे में बंद होकर टेक्नोक्रेट सोचेंगे कुछ नया
धनबाद : 12 घंटे तक पेनमेन हॉल में बंद रहकर आइआइटी आइएसएम व अन्य इंजीनिय¨रग संस्थानों के
धनबाद : 12 घंटे तक पेनमेन हॉल में बंद रहकर आइआइटी आइएसएम व अन्य इंजीनिय¨रग संस्थानों के 200 छात्र-छात्राएं देश व समाज के लिए कुछ नया सोचेंगे। समाज से जुड़ी समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए। भविष्य में कौन सी समस्या क्या रूप लेगी और उसका समाधान कैसे होगा, इन तमाम प्रश्नों का उत्तर शोध के माध्यम से छात्र तलाश करेंगे।
शुक्रवार की रात 10 बजे से 32 टीम के सदस्य 32 टेबल पर काम शुरू करेंगे। पेनमेन हॉल का दरवाजा 27 अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक बंद रहेगा। एक टीम में अधिकतम पांच छात्र-छात्राएं होंगे। जी हां, आइएसएम द्वारा आयोजित कॉनसेटो 2018 के तहत आयोजित होने वाले मिनी टेकफेस्ट की, जिसमें 12 घंटे तक लगातार छात्र अपने शोध पर फोकस करेंगे और उसके परिणाम के साथ बाहर निकलेंगे।
विजेता को 25 हजार का नगद पुरस्कार
आयोजन समिति के छात्रों ने बताया कि टीम अपने-अपने आइडिया का समाधान करेगी। वहीं इस दौरान कुछ कंपनियों के केस स्टडी भी दिए जाएंगे। निर्धारित समय में बेहतर आइडिया का समाधान करने वाले विजेताओं को 25 हजार रुपये नगद राशि का पुरस्कार दिया जाएगा। इसमें में बतौर जज के रूप में फेसबुक डेवलपर के हेड सब्यसाची मुखोपाध्याय मौजूद रहेंगे।
पेनमेन में ही खाने व सोने की व्यवस्था
मिनी हेकफेस्ट में हिस्सा लेने वाले 32 टीमों के 200 छात्रों के लिए हॉल में ही खाने-पीने व सोने व्यवस्था की गई है। लगातार काम कर अगर कोई छात्र आराम करना चाहते हैं तो वहीं बेड की व्यवस्था भी की गई है। इस दौरान छात्रों कॉफी, फास्ट फूड सहित अन्य सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
कुछ आइडिया जिन पर छात्र करेंगे काम
रनिगमा बिल्डर : कोई व्यक्ति यदि अपना अंग दान करता है तो उसकी मृत्यु के बाद उसका अंग समय पर जरूरतमंदों को मिले इस आइडिया के उपर रनिगमा बिल्डर की टीम काम कर रही है। सुयश श्रीवास्तव ने बताया कि एक एप बना रहे हैं जिसमें अंगदान करने वाले व्यक्ति और जिस अस्पताल को अंगदान करना है उसका पूरा रिकॉर्ड रहेगा। जैसे ही अंगदान करने वाले व्यक्ति की मृत्यु होगी, इस एप पर तुरंत उस अस्पताल को सूचना मिल जाएगी।
फ्लेम : टीम फ्लेम के आयुषमान मिश्रा ने बताया कि यह एप नेत्रहीन लोगों का सहारा बनेगा। इस एप के जरिए वे सड़क पर आम आदमी की तरह चल सकेंगे। यदि कोई भी बाधा उनके रास्ते में आती है तो वह वायस सेंसर के जरिए जान जाएंगे।
टीम हैश 464 नॉट फाउंड : टीम के प्रत्यूष कुमार ने बताया कि हेल्थ सेंटर में उपचार कराने के लिए लाइन लगानी पड़ती है। कभी-कभी तो ऐसा हो जाता है कि जब आपका नंबर आया तो डॉक्टर के जाने का समय आ जाता है नतीजा घंटों इंतजार के बाद भी आप उपचार कराने से वंचित रह जाते हैं। लोगों को समय पर उपचार मिले इसके लिए एक एप बनाया जा रहा है जिसमें आपका क्यू कब आएगा इसकी सूचना आपको समय पर मिल जाएगी और आप चिकित्सक से उपचार करा सकेंगे।
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बगैर तार के जलेगा बल्ब
टेस्ला : कॉनसेटो 2018 में वैसे तो कई तकनीकि इवेंट हैं, लेकिन इसमें कुछ इवेंट ऐसे हैं जो काफी दिलचस्प हैं। टेस्ला में वायरलेस कनेक्शन है, पर इसमें तार नहीं है। इस प्रतियोगिता में बल्ब को वहां मौजूद क्वायल के पास जैसे ही ले जाएंगे बल्ब जल जाएगा।
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करीब से देखा गैंग्स ऑफ वासेपुर का शहर : आर्यन मिश्रा
गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म मैंने देखी है। उसके बाद मैंने धनबाद को जाना आज यहां आकर इसे करीब से देखने का मौका भी मिला है। यह बातें 14 साल की उम्र में एस्टरॉइड की खोज करने वाले आर्यन मिश्रा ने कहीं। शुक्रवार को आर्यन बतौर गेस्ट लेक्चर आइएसएम में पहुंचे थे। आर्यन ने कहा कि जब लोग घरों में सो रहे होते हैं, तब टेलीस्कोप की मदद से अंतरिक्ष की सैर करता हूं। बचपन से ही सितारों को देखना अच्छा लगता था। हमेशा इस बात को जानने की उत्सुकता रहती थी कि सितारों के पार कौन सी दुनिया है। सबसे कम उम्र के एस्ट्रोनोमर 17 वर्षीय आर्यन ने कहा कि मुझे असफलता से डर नहीं लगता, क्योंकि हर असफलता कुछ सिखाने के साथ आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करती है।