सुहागिनों ने सुहाग रक्षा का मांगा आशीर्वाद
फोटो0345 संवाद सहयोगीकरौं (देवघर) सुहाग की दीर्घायु एवं बच्चों को विपदाओं से दूर
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संवाद सहयोगी,करौं (देवघर): सुहाग की दीर्घायु एवं बच्चों को विपदाओं से दूर रखने के उद्देश्य से मां दुर्गा के 108 रूपों में से एक मां विपद्तारिणी की पूजा मंगलवार को जिले के ऐतिहासिक व पौराणिक नगरी करौं के कर्णेश्वर, सिंहवाहिनी, राय टोला व दे पाड़ा स्थित दुर्गा मंदिर प्रांगण में धूमधाम से भक्तिमय माहौल में मनाया गया। इस दौरान शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अहले सुबह से ही मंदिरों में महिलाओं का पहुंचना शुरू हो गया। मुख्य पुजारी तुलसीदास ओझा, अनूप ओझा, अरूप ओझा, पिकू ओझा, अमित ओझा, कालीचरण ओझा, मुकेश ओझा, भूपाल ओझा आदि ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार से मां की विधिवत पूजा-अर्चना की। जबकि व्रती महिलाओं ने 13 प्रकार के फूल, 13 फल, 13 दूब घास, 13 धागोंवाले रक्षा सूत्र में 13 गांठें बांधकर मां की पूजा किया। पूजा के बाद मंदिर प्रांगण में उपस्थित सुहागिनों ने एक दूसरे को सिदूर लगाकर अपने पति की रक्षा व लंबी आयु के लिए मां से प्रार्थना की। वहीं माता पर चढ़ाया गया लाल डोरा दाएं बांह पर बांधा गया। ऐसी मान्यता है कि सालोंभर इस डोरे को धारण करने से किसी प्रकार की विपत्ति नहीं आती है। उल्लेखनीय है कि बंगाली संस्कृति मानने वालों में इस पूजा की विशेष महत्ता है। महिलाएं अपने पति व बच्चों पर से विपत्ति को टालने के लिए यह पूजा करती है। पथरौल में विपद्तारिणी की पूजा की गई। पूजा को सफल बनाने में प्रकाश दत्त, गौतम चंद्र मिनती राय, परिमल बल, अरुणेश बल, अभिजीत बल, राजू शर्मा आदि ने सराहनीय योगदान दिया।