डायन कुप्रथा समाज के लिए अभिशाप
जागरण संवाददाता देवघर हस्ताक्षर अभियान के साथ डायन कुप्रथा के उन्मूलन हेतु समाहरणालय प
जागरण संवाददाता, देवघर : हस्ताक्षर अभियान के साथ डायन कुप्रथा के उन्मूलन हेतु समाहरणालय परिसर से जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के बाद बुधवार को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि डायन कुप्रथा समाज के लिए सबसे बड़ा अभिशाप है। इस कुप्रथा को दूर करने के लिए सरकार व जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है और हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी उद्देश्य से हस्ताक्षर अभियान-सह-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया है। ताकि शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार व नुक्कड़-नाटक के माध्यम से समाज में फैले अंधविश्वास को दूर करने का काम किया जा सके। सभी जानते हैं कि भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। महिलाओं का समाज निर्माण में बहुत बड़ा योगदान होता है, महिलाओं को सशक्त व स्वाबलंबी बनाना सभी की जिम्मेदारी है।
सभी देख रहे हैं कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बन रही है। यह स्वीकार करना होगा कि घर और समाज की बेहतरी के लिए पुरूष और महिला दोनों समान रूप से योगदान करते हैं। हर महिला विशेष होती है चाहे वह घर पर हो या कार्यालय में। आज महिलाएं अपने आस-पास की दुनियां में बदलाव ला रही हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि बच्चों की परवरिश और घर को घर बनाने में एक प्रमुख भूमिका भी निभाती है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम उस महिला की सराहना करें और उनका सम्मान करे जो अपने जीवन में सफलता हासिल कर रही है।
वर्तमान में पुरुष के कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली नारी किसी पर भार नहीं बनती वरन अन्य साथियों को सहारा देकर प्रसन्न होती है। डीसी ने सभी जिलावासियों से आग्रह किया कि अपने जीवन में महिलाओं का सम्मान करें। भ्रूण हत्या, महिला उत्पीड़न, डायन प्रथा जैसी मानसिक कुरीतियों को समाज से पूर्ण रूप से खत्म करने में अपना हर संभव योगदान सुनिश्चित करें।
डायन कहने पर है जुर्माना : उपायुक्त ने कहा कि किसी महिला को डायन कहना। डायन की अफवाह फैलाना या उसे डायन कहने के लिए किसी व्यक्ति को उकसाना। डायन घोषित कर उसे शारीरिक या मानसिक कष्ट देना कानून में जुर्म है। डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार डायन की पहचान करने वाले या कहने वालों को 3 महीने की सजा या एक हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों है। डायन बता कर किसी को प्रताड़ित कराने में 6 महीना की सजा या 2 हजार रूपया का जुर्माना अथवा दोनों है। उकसाने पर 3 महीने की सजा या 1 हजार जुर्माना अथवा दोनों है। भूत-प्रेत झाड़ने की क्रिया में 1 साल की सजा या 2 हजार रूपया अथवा दोनों का प्रावधान है। जागरूकता रथ के अलावा एक रैली भी निकाली गयी जिसमें आंगनबाड़ी सेविका मौजूद थी।
कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीता कुजूर, डीपीआरओ रवि कुमार उपस्थित थे।