साहित्यकार शिशिर टुडू को दी गई श्रद्धांजलि
मधुपुर के बावनबीघा स्थित संवाद परिसर में शुक्रवार को साहित्यकार व फिल्मकार शिशिर टुडू की द्वितीय पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
मधुपुर (देवघर) : मधुपुर के बावनबीघा स्थित संवाद परिसर में शुक्रवार को साहित्यकार व फिल्मकार शिशिर टुडू की द्वितीय पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। समाजसेवी घनश्याम ने कहा कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी शिशिर टुडू झारखंड की प्रकृति और संस्कृति की सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रहे। सरकारी अधिकारी की नौकरी त्यागकर झारखंड की संस्कृति व प्रकृति को संरक्षित-संवर्धित करने के के लिए यायावर की तरह जुटे रहे। झारखंड के आंदोलन को समृद्ध बनाने में उनकी अहम भूमिका रही। शिशिर टुडू का जन्म पाकुड़ के धनुष पूजा गांव में हुआ था। यह वही धनुष पूजा गांव है जहां 1855 में सिदो-कान्हू ने धनुष बाण की पूजा की थी। कहा कि झारखंड का पहला सांध्य दैनिक झारखंड न्यूज लाइन के वर्षो संपादक रहे। मौके पर पत्रकार अबरार ताबिदा ने कहा कि शिशिर टुडू का मधुपुर से खास लगाव था। उनके निधन से संवाद परिवार को अपूरणीय क्षति हुई है। मौके पर पंकज, सीमा, श्यामलाल, जावेद, सीमांत, महानंद, गोकुल, प्रियंका, विनोद, तुहीन पाल, नीलम किस्कू समेत कई कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।